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दूसरे पक्षी के घोंसले में अंडे देता है चातक

प¨रदो की दुनिया: चातक (पपीहा) लेख संकलन: सुंदर सांभरिया ईडेन गार्डन रेवाड़ी। परिवार:

By JagranEdited By: Updated: Sun, 27 Aug 2017 04:40 PM (IST)
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दूसरे पक्षी के घोंसले में अंडे देता है चातक

प¨रदो की दुनिया: चातक (पपीहा)

लेख संकलन: सुंदर सांभरिया ईडेन गार्डन रेवाड़ी।

परिवार: कुक्कूलीडी

जाति: क्लामेटर

प्रजाति: जैकोबिनस

चातक को अंग्रेजी में पाईड क्रेस्टिड कुक्कू या पाईड कुक्कू और भारतीय साहित्य में पपीहा व चातक के नाम से जाना जाता है। यह पक्षी हिमालय के नीचले हिस्सों से लेकर दक्षिण भारत तक खुले जंगलों तथा झाड़ीनुमा क्षेत्रों में देखा जा सकता है। भारतीय पौराणिक कथाओं में ऐसा दर्शाया गया है कि यह पक्षी स्वाति नक्षत्र में होने वाली वर्षा की पहली बूंदों को आसमान से गिरते हुए सीधे चोंच में लेता है। इस पक्षी का ऊपरी हिस्सा चमकीला काला, नीचे का हिस्सा सफेद, पूंछ के पंखों के किराने सफेद, आंख की पुतली भूरे या लाल भूरे रंग में, चोंच काले रंग की तथा पांव व पंजे गहरे रंगे होते है।

वर्षा ऋतु में रहता है सक्रिय

यह एक स्थानीय पक्षी है जो मानसून के दौरान स्थानीय प्रवास करते है। इस पक्षी को वर्षा ऋतु के दौरान देखा जा सकता है। वर्षा ऋतु के बाद इन्हें देख पाना काफी कठिन होता है। इसके प्रजनन का समय जून से अगस्त तक होता है। इस दौरान यह पक्षी सुबह व शाम के समय अपनी मधुर आवाज निकालता है। प्रजनन के समय के बाद इसकी आवाज सुनाई नहीं देती।, जिस कारण इसे देख पाना मुश्किल होता है।

बैब्लर पालता है चूजे

इसका मुख्य भोजन कीड़े, मकौड़े व झल्लियां आदि होती है। यह पक्षी अपना स्वयं का घोंसला नहीं बनाता तथा न ही अपने चूजों को पालता है, जिस कारण इसे परोपजीवी श्रेणी में रखा गया है। मादा पक्षी किसी अन्य पक्षी के घोंसले में अपना अंडा देती है। भारत में यह जंगल बैब्लर या अन्य इसी परिवार के पक्षियों के

घोंसलों में अपने अंडे देती है। इसके अंडे का रंग बैब्लर के अंडों जैसा ही होता है। ऐसा देखा गया है कि नर पक्षी बैब्लर पक्षी को उसके घोंसले के आस-पास आकर परेशान करता है। जब बैब्लर परेशान होकर घोंसला छोड़ती है तो तुरंत मादा पपीहा अपना अंडा उसके घोंसले में डाल देती है। घोंसले में रखे अंडों से कुक्कू के चूजे पहले बाहर आते है तथा बाद में यह चूजा बैब्लर के अन्य चूजों को धीरे-धीरे घोंसले से बाहर गिरा देता है। ऐसा आमतौर पर घोंसले के छोटे आकार के कारण होता है। कुक्कू के चूजे को बड़ा होने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती। बैब्लर पपीहा के चूजे को अपना समझकर पालती है। चातक अधिकतर अकेला या जोड़े में दिखता है। यह पेड़ की ऊपरी शाखाओं पर ही बैठता है।

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