'हमारे सारे परिवार की रेकी होती थी, लॉरेंस बिश्नोई के साथ...', नफे सिंह राठी के बेटे ने पिता की हत्या पर किया चौंकाने वाला खुलासा
INLD के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या के बाद एक तरफ प्रदेश की राजनीति उबाल मार रही है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। आज नफे सिंह के बेटे जितेंद्र राठी ने पिता की हत्या से संबंधिक कई खुलासे किए। उन्होंने कहा कि पूरे परिवार की रैकी होती थी। जितेंद्र ने इसे एक पॉलिटिकल किलिंग करार दिया है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। नफे राठी हत्याकांड (Nafe Singh Rathee Case) को लेकर उनके पुत्र जितेंद्र राठी ( Jitendra Rathee) ने मंगलवार को कई तरह के खुलासे किए हैं। जितेंद्र बोले कि मेरे पिता के अलावा हम सभी भाईयों की रैकी होती थी। मैं जिम जाता था वह भी छोड़ दिया। हमने अपनी व्यक्तिगत लाइफ लोगों के लिए छोड़नी पड़ी। हम सभी हर रोज रूट बदल बदलकर जाते थे। हमने अपने पिता को समझाया था लेकिन उन्हें यह आभास नहीं था कि उनके साथ इस तरह की घटना हो जाएगी।
ये एक पॉलिटिकल किलिंग-जितेंद्र राठी
ये एक पॉलिटिकल किलिंग है। सरदार बेअंत सिंह के बाद यह अकेली इतनी बड़ी घटना हुई है। जब प्रदेश में किसी राजनेता की हत्या हुई हो। जितेंद्र ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) व किसी अन्य गिरोह के साथ किसी तरह की रंजिश से इंकार किया है। उनका कहना है कि यह कोई गैंगवार नहीं है। सिर्फ राजनीति के कारण हमारे ऊपर मुकदमे दर्ज हुए और अब इसी कारण मेरे पिता की हत्या हुई है। गिरोह बड़ा हो सकता है, मगर यह गैंगवार नहीं है। जितेंद्र राठी ने इस घटनाक्रम को सिद्धू मूसेवाला से जोड़कर देखने से भी इंकार किया है।
उनका कहना है कि सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की हत्या गैंगवार के कारण हुई थी, मगर मेरे पिता की हत्या राजनीतिक रंजिश के कारण हुई है। मेरे पिता के खिलाफ यूपी में मामला जो दर्ज करवाया गया था, वह इसीलिए करवाया गया था ताकि हम पर यूपी में ही हमला करवाया जा सके। इसी वजह से हम लगातार सुरक्षा की मांग कर रहे थे। एसपी व डीसी से कई बार सुरक्षा की मांग की, मगर उन्होंने कोई सुरक्षा नहीं दी, बल्कि हमारे शस्त्र लाइसेंस भी निलंबित कर दिए। आयुक्त से गुहार लगाने के बाद हमारे लाइसेंस बहाल हुए।
जितेंद्र बोले कि एसपी व पुलिस प्रशासन की लापरवाही और शह पर यह सब हुआ है। रही बात सुरक्षा की तो अब इस सुरक्षा का हम क्या करें। नफे सिंह जी तो नहीं रहे। रही बात कांट्रैक्ट किलिंग की तो यह कांट्रैक्ट किसने दिया, इस सवाल का जवाब पुलिस जांच में मिलेगा। आरोपित गिरफ्तार होते ही सबूत सबके सामने आ जाएंगे। ऐसे में पुलिस इन आरोपितों को जल्द गिरफ्तार करे। हमें न्याय तब मिलेगा, जब पुलिस सभी आरोपितों को गिरफ्तार करेगी। सच्चाई सबके सामने लाएगी और दोषियों को शूली पर टांगा जाएगा।
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जितेंद्र राठी ने बताया कि नगर परिषद के पूर्व चेयरपर्सन और बार के पूर्व प्रधान बिजेंद्र राठी, उनके पुत्र संदीप राठी और नगर परिषद के वाइस चेयरमैन पालेराम शर्मा भी हमारे से रंजिश रखते थे। मैंने और अजय उर्फ सोनू दलाल ने इन तीनों पर भी इस हत्याकांड में शामिल होने का बयान दिया है। हमें शक है कि मेरे पिता की हत्या में ये तीनों भी शामिल हो सकते हैं। हमारे पास इन तीनों के खिलाफ सबूत भी हैं।
रही बात नरेश कौशिक की तो वे बार-बार अपनी हार का ठीकरा नफे सिंह राठी पर फोड़ते रहते हैं। इनकी वजह से ही मेरी माता के ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज हुआ था। नरेश कौशिक शुरू से ही हमारे पीछे लगा हुआ है। हमने जिनके नाम दिए हैं वे सब नरेश कौशिक के गिरोह में शामिल हैं।
नरेश कौशिक ही प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव डालकर हमारे ऊपर मुकदमे दर्ज करवाता रहा और हमारी गिरफ्तारी का दबाव बनाता रहा। गौरतलब है कि पालेराम शर्मा पूर्व मंत्री मांगेराम राठी के बेटे जगदीश नंबरदार आत्महत्या मामले में गवाह हैं। बार के पूर्व प्रधान बिजेंद्र राठी व उनके पुत्र संदीप राठी के साथ नफे राठी का राजनैतिक रूप से पुराना विवाद चला आ रहा है। पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है।
कांग्रेसी नेताओं पर भी शक
अभी तक इस मामले में भाजपा के ही नेताओं का नाम था लेकिन अब कांग्रेस नेताओं पर भी शक जताया गया है। बिजेंद्र राठी और उनके पुत्र संदीप कांग्रेस में हैं और पूर्व सीएम भूपेंद्र हूड्डा व सांसद दीपेंद्र हूड्डा के खासमखास हैं। पालेराम उर्फ राजपाल शर्मा भाजपा से नगर परिषद में वाइस चेयरमैन हैं। नरेश कौशिक के खास हैं। जगदीश राठी आत्महत्या मामले में गवाह हैं और अक्सर नफे राठी के खिलाफ बयान देते रहे हैं।
संजीव बालियान के कारण भी हमारे ऊपर दर्ज हुए झूठे मुकदमे
पार्षद जितेंद्र राठी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भी हमारे खिलाफ रहे हैं। वे हमेशा से मेरे पिता के हत्यारोपियों की मदद करते रहे हैं। उनके दबाव के कारण ही हमारे ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज हुए हैं।
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