Ram Mandir: लाठियां खाईं-नौकरी दाव पर... पुलिस लाठीचार्ज के बीच पहुंचे अयोध्या, पढ़िए हरियाणा के कारसेवक की संघर्ष की कहानी
Karsevak Vinod Srivastava Story बिजली निगम से जेई (जूनियर इंजीनियर) पद से रिटायर 68 वर्षीय विनोद श्रीवास्तव पहले भी बड़ी भूमिका में रहे और अभी भी उन्हें महत्वपूर्ण कार्यों का जिम्मा सौंपा गया है। बिजली निगम में तैनाती के साथ ही आरएसएस की गतिविधियों में शामिल रहने लगे। 1990 में सरयू नदी पार करने की कोशिश की तो जबरदस्त लाठीचार्ज हो गया। जिसमें कई कार सेवक घायल हुए।
अरूण शर्मा, रोहतक। इसे भगवान राम की कृपा ही कहेंगे कि पहले राम मंदिर आंदोलन के रणनीतिकारों में शामिल रहे। लाठियां खाईं और नौकरी दाव पर लगाई। अब उसी अयोध्या में राम के काज में टेंट सिटी में बिजली आपूर्ति का कार्य करा रहे हैं। राम मंदिर निर्माण निर्विध्न हो।
इसके लिए प्रतिदिन हवन-पूजन व विशेष अनुष्ठान का जिम्मा भी निभा रहे हैं। बिजली निगम से जेई (जूनियर इंजीनियर) पद से रिटायर 68 वर्षीय विनोद श्रीवास्तव पहले भी बड़ी भूमिका में रहे और अभी भी उन्हें महत्वपूर्ण कार्यों का जिम्मा सौंपा गया है।
सुनारिया चौक निवासी विनोद श्रीवास्तव मूलरूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं। 1982 में रोहतक में पहुंचे। बिजली निगम में तैनाती के साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियों में शामिल रहने लगे। 2014 में जेई पद से रिटायर हुए। विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय प्रमुख विनोद ने बताया कि 1990 में अवकाश लेकर लखनऊ तक हिंदू कॉलेज के लाइब्रेरियन रहे गतपति रोहिल्ला के भतीजे राजन के साथ पहुंचे।
हालांकि जिस ट्रेन में बैठे थे वह सीधे लखनऊ से गोरखपुर में ही ठहराव के आदेश थे। मगर अयोध्या के पास मनकापुर में ही ट्रेन रूकवा ली। फिर पैदल जंगलों व खेतों के रास्ते सरयू नदी तक पहुंचे। वहां पुलिस तैनात थी।यह भी पढ़ें: Hisar News: ट्रैफिक नियमों की उड़ रही थी धज्जियां, फिर नाकों पर तैनात पुलिस ने लिया एक्शन; एक दिन में काटे इतने चालान
सरयू नदी पार करने की कोशिश की तो जबरदस्त लाठीचार्ज हो गया। कई कार सेवक घायल हुए। बचकर फिर भी विवादित ढांचे तक पहुंचे। रोहतक के भी कुछ कार सेवक घायल हुए। 1992 में भी कार सेवा में शामिल रहे।
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