जब पूर्व पीएम राजीव गांधी की पसंद बने भूपेंद्र हुड्डा, लोकसभा चुनाव में तबके के दिग्गज नेता ताऊ देवीलाल को किया था परास्त
अगर ये कहें कि हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को राजनीति विरासत में मिली है तो उसमें कोई हैरानी नहीं होगी। बता दें भूपेंद्र सिंह के दादा चौधरी मातुराम हुड्डा सक्रिय राजनीति की भूमिका में थे। इसके बाद इनके पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा ने 1952 का पहला और 1957 का दूसरा आम चुनाव कांग्रेस की टिकट पर ही लड़ा था।
ओपी वशिष्ठ, रोहतक। चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) को राजनीति विरासत में मिली है। उनके दादा चौधरी मातुराम हुड्डा (Chaudhary Maturam Hooda) सक्रिय राजनीति में थे। बाद में पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा (Chaudhary Ranbir Singh Hooda) स्वतंत्रता आंदोलन के बाद सक्रिय राजनीति में शामिल हुए। आजादी के बाद 1952 का पहला और 1957 का दूसरा आम चुनाव रणबीर सिंह हुड्डा कांग्रेस पार्टी की टिकट से जीत चुके थे।
राजीव गांधी ने हुड्डा के सामने चुनाव लड़ने का रखा प्रस्ताव
लंबा समय बीत गया। परिवार से लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा। हालांकि राज्य की राजनीति में तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही सक्रिय हो गए थे। 1991 में लोकसभा चुनाव से पहले देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने भूपेंद्र हुड्डा को बुलाया और उनके सामने विधानसभा और रोहतक लोकसभा चुनाव लड़ने के प्रस्ताव रखे।
देश के उपप्रधानमंत्री रहे ताऊ देवीलाल को हराया
पूर्व मंत्री सुभाष बत्रा ने बताया कि काफी मंथन के बाद भूपेंद्र हुड्डा लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) लड़े और अपनी पहली ही पारी में देश के उपप्रधानमंत्री रहे ताऊ देवीलाल (Tau Devi Lal) को हराया।यह भी पढ़ें: PM मोदी के कार्यक्रम के लिए आज गुरुग्राम भेजी जाएंगी 100 रोडवेज बसें, यात्री और विद्यार्थी होंगे परेशान
हुड्डा को 241235 वोट मिले जबकि जनता पार्टी प्रत्याशी ताऊ देवीलाल को 210662 वोट मिले थे। इस तरह, उन्होंने अपने पहले ही लोकसभा चुनाव में 30573 मतों से अंतर से जीत दर्ज की।
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