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Commonwealth Games 2026 से कुश्ती, हॉकी और निशानेबाजी बाहर, हरियाणा के खिलाड़ियों को बड़ा झटका

ग्लासगो में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से कुश्ती हॉकी और निशानेबाजी को बाहर किए जाने से हरियाणा के खिलाड़ियों को बड़ा झटका लगा है। इन खेलों में हरियाणा का दबदबा रहा है और पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में भी हरियाणा के खिलाड़ियों ने इन खेलों में कई मेडल जीते थे। अब इन खेलों के बाहर होने से हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए मेडल जीतना मुश्किल हो जाएगा।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Wed, 23 Oct 2024 04:03 PM (IST)
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कॉमनवेल्थ गेम्स में घटेगा हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा नोट।
जागरण संवाददाता, रोहतक। ग्लासगो में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा घटेगा। सबसे अधिक नुकसान हरियाणा के कुश्ती, हॉकी व निशानेबाजी के खिलाड़ियों को होगा। खेल के जानकारों का कहना है कि इन खेलों में हरियाणा का खूब दबदबा रहता है और मेडल भी अधिक जीते जाते हैं।

लेकिन अब ग्लासगो (स्काटलैंड) में 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स से बैडमिंटन, शूटिंग, क्रिकेट, हॉकी, स्क्वाश, टेबल टेनिस, कुश्ती, ट्रायथलॉन और आर्चरी को बाहर कर दिया गया है, तो इसका सीधा असर हरियाणा के खिलाड़ियों पर भी होगा।

हरियाणा के खिलाड़ियों को होगा सबसे ज्यादा नुकसान

खेल के जानकारों ने बताया कि पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स, जो साल 2022 में इंग्लैंड के बर्मिंघम में हुए थे। इसमें 19 खेल शामिल थे। भारत ने यहां 12 खेलों में मेडल हासिल किए थे। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय दल में सबसे ज्यादा 43 खिलाड़ी हरियाणा से थे। जिनमें से 17 खिलाड़ियों ने मेडल जीतकर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया।

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लेकिन अब कॉमनवेल्थ खेलों से कई खेल बाहर किए जाने से हरियाणा की खेल प्रतिभाओं और खिलाड़ियों का नुकसान होगा। इसको लेकर प्रशिक्षकों व पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने आपत्ति जताते हुए इन खेलों को कॉमनवेल्थ में शामिल रखे जाने की मांग की है।

देश के लिए पदक जीतने की ललक

हरियाणा के खिलाड़ियों में देश के लिए पदक जीतने की ललक रहती है। पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में भी हरियाणा के 29 खिलाड़ियों ने अलग-अलग खेलों में 20 मेडल जीतकर देश व प्रदेश को गौरवांवित होने का अवसर दिया। इनमें से 17 खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में 17 मेडल हासिल किए।

वहीं, टीम इवेंट में तीन पदक दिलाने में 12 खिलाड़ियों की भूमिका रही। इनमें नौ खिलाड़ी महिला हॉकी, दो पुरुष हॉकी व एक खिलाड़ी क्रिकेट टीम में शामिल रही। इसी कारण हरियाणा को खिलाड़ियों की धरती भी कहा जाता है।

हॉकी को खत्म करने की तैयारी है: अजीत नांदल

कुश्ती कोच एवं सेवानिवृत जिला खेल अधिकारी ईश्वर दहिया ने कहा कि कॉमनवेल्थ से इन खेलों को बाहर किया जाना खिलाड़ियों को बहुत नुकसान देगा। इससे हरियाणा को सबसे अधिक नुकसान होगा। कुश्ती में हरियाणा के पहलवानों का दबदबा रहा है। इसे हटाया नहीं जाना चाहिए, बल्कि शामिल रखना चाहिए, तभी खेल और खिलाड़ियों का भला होगा।

वहीं, पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी अजीत नांदल ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स से हॉकी को बाहर करना दुभाग्यपूर्ण है। देश को इस पर आपत्ति जतानी चाहिए। भारत के वर्षों बाद लगातार दो बार मेडल आए है। ओलिंपिक में प्रतिद्वंद्वियों को भारत कड़ी टक्कर दे रहा है। इस फैसले से देश की हॉकी को बहुत नुकसान होगा। हॉकी को खत्म करने की तैयारी है।

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