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हरियाणा चुनाव से पहले जेल से बाहर आएगा डेरा प्रमुख? 20 दिनों की पैरोल के लिए दी अर्जी

Gurmeet Ram Rahim शिख्याओं से दुष्कर्म करने के दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने एक बार फिर 20 दिनों की पैरोल की मांग की है। उसने 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा चुनाव से पहले पैरोल की मांग की है। दी गई अर्जी में उसने अस्थायी रिहाई की मांग की है। इससे पहले राम रहीम 10 बार जेल से बाहर आ चुका है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 29 Sep 2024 03:04 PM (IST)
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हरियाणा चुनाव से पहले जेल से बाहर आएगा डेरा प्रमुख?
जागरण संवाददाता, रोहतक। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने फिर पैरोल की मांग की है। इस बार उसने 20 दिनों की पैरोल के लिए आवेदन किया है। राम रहीम के पैरोल की अर्जी चुनाव आयोग को भेज दी गई है। 20 साल की सजा सुनाए जाने के बाद से डेरा प्रमुख 10 बार पैरोल या छुट्टी पर जेल से बाहर आ चुका है।

पोल पैनल ने पैरोल के तर्क पर सवाल उठाए हैं। अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम सिंह ने एक बार फिर 20 दिनों के पैरोल पर अस्थायी रिहाई की मांग की है। यह मांग 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले की गई है।

आठ सितंबर को पहुंचा था जेल

सुनारिया जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत सिंह ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के मतदान से पांच दिन पहले 20 दिन की पैरोल मांगी है। पैरोल को लेकर अंतिम निर्णय हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त को लेना है, क्योंकि चुनाव आचार संहिता लगी हुई है। इसी आठ सितंबर को 21 दिन पैरोल अवधि खत्म होने के बाद वह जेल में पहुंचा था।

जेल प्रशासन पैरोल मंजूर नहीं कर सकता

चुनाव से पहले पैरोल के आवेदन से हरियाणा की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है। चूंकि प्रदेश की 20 से अधिक सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव रहता है, इसलिए राजनीतिक दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गुरमीत सिंह ने जेल प्रशासन को 20 दिन की पैरोल के लिए आवेदन किया है। लेकिन जेल प्रशासन पैरोल मंजूर नहीं कर सकता है।

मुख्य चुनाव आयुक्त से मंजूरी लेना अनिवार्य

मंडलायुक्त कार्यालय से मंजूरी दी जाती है, जो संबंधित जिले के डीसी और एसपी की रिपोर्ट के आधार पर मिलती है। लेकिन हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होगा है, इसलिए आचार संहिता के चलते हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त से मंजूरी लेनी अनिवार्य है। वर्ष के कैलेंडर के मुताबिक 91 दिन की अस्थाई पैरोल के लिए कैदी हकदार है, इसलिए 20 दिन की पैरोल जेल नियमों के अनुसार मिल सकती है।

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