नशा तस्करी के आरोपी की PGI में इलाज के दौरान मौत, हिसार नारकोटिक्स सेल पर थर्ड डिग्री टार्चर देने का आरोप
फतेहाबाद के भूना खंड के गांव नांदौड़ी निवासी 40 वर्षीय हरपाल सिंह की रोहतक पीजीआई में मौत हो गई है। उसे नशा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हरपाल सिंह पिछले करीब डेढ़ माह से पीजीआई में दाखिल था और वो कोमा में चल रहा था। मृतक के स्वजनों ने हिसार पुलिस की नारकोटिक्स सेल (Narcotics Cell) पर उसे थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाया है।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 01 Sep 2023 12:43 PM (IST)
रोहतक, जागरण संवददाता। फतेहाबाद के भूना खंड के गांव नांदौड़ी निवासी 40 वर्षीय हरपाल सिंह (Harpal Singh) की रोहतक पीजीआई (Rohtak PGI) में मौत हो गई है। हरपाल सिंह पिछले करीब डेढ़ माह से पीजीआई में दाखिल था और वो कोमा में चल रहा था। मृतक के स्वजनों ने हिसार पुलिस की नारकोटिक्स सेल (Narcotics Cell) पर उसे थर्ड डिग्री (Third Degree Torture) देने का आरोप लगाते हुए हिसार नारकोटिक्स सेल के एसआई पवन और अन्य पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की है।
क्या बोले मृतक के परिवारजन
मृतक के स्वजन विनोद ने बताया कि उसके चचेरे भाई हरपाल को हिसार नारकोटिकस सेल ने एक जुलाई को घर से ही उठाया था। इसके बाद उसे रोहतक ले जाया गया। वहां शहर के एक इलाके में उसकी चूरापोस्त मामले में गिरफ्तारी दिखाते हुए उसके खिलाफ रोहतक के अर्बन एस्टेट थाना में केस दर्ज कराया गया।
'हिसार में दी थर्ड डिग्री, झोलाछाप से कराया इलाज'
हरपाल सिंह के स्वजनों का आरोप है कि रोहतक के अर्बन एस्टेट थाना में केस दर्ज कराने के बाद हिसार नारकोटिक्स सेल उसे कोर्ट से रिमांड हासिल कर गैर कानूनी तरीके से हिसार ले गई। इसके बाद उसे वहां पर थर्ड डिग्री देकर टार्चर किया गया। लेकिन हालात बिगड़ने पर हिसार पुलिस ने उसका एक झोलाछाप डॉक्टर से दो दिन तक इलाज कराया। लेकिन, हरपाल की स्थिति में सुधार न होने पर उसे हिसार नागरिक अस्पताल की बजाए राजगढ़ रोड के एक निजी अस्पताल में दाखिल करा दिया।दवा लेने पहुंचे शख्स ने पहचाना तो भेद खुला
पुलिस पर लगे आरोपों की कड़ी में मृतक के परिजनों का कहना है कि हरपाल जब हिसार के निजी अस्पताल में दाखिल था तो उसके बारे में परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई। उनके गांव का एक व्यक्ति जब हिसार के निजी अस्पताल में दवा लेने गया तो उसे हरपाल के वहां दाखिल होने का पता चला। परिवार वाले जब उससे मिलने पहुंचे तो उन्हें पुलिसकर्मियों ने मिलने नहीं दिया। इसके बाद कोर्ट में याचिका दायर कर हरपाल को 15 जुलाई के करीब रोहतक पीजीआई में दाखिल कराया गया। जहां पर उसकी मौत हो गई।