Haryana: युधिष्ठिर का किरदार करने वाले गजेंद्र चौहान ने रामायण को लेकर पुरानी यादें की ताजा, बोले- मिला था लक्ष्मण का रोल
महाभारत में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले अभिनेता और डीएलसी सुपवा के कुलपति गजेंद्र चौहान ने अपनी पुरानी यादें साझा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने साल 1986 में रामायण धारावाहिक के लिए राम के किरदार के लिए ऑडिशन दिए थे। लेकिन उन्हें लक्ष्मण का रोल दिया गया जिसे उन्होंने करने से मना कर दिया था। वहीं अभिनेता गजेंद्र चौहान महाभारत में कृष्ण का रोल करना चाहते थे।
अरुण शर्मा, रोहतक। जीवन में प्रत्येक घटना आपके भविष्य और वर्तमान का लेखा-जोखा होती हैं। जो विधि का विधान लिखा हुआ है उसी अनुसार घटनाएं होती रहेंगी। यह कहना है कि डीएलसी सुपवा के कुलपति गजेंद्र चौहान का। महाभारत (Mahabharat) में युधिष्ठिर का अभिनय करने के बाद दुनिया में पहचान बनाने वाले गजेंद्र का कहना है कि विधाता जो आपके भाग्य में लिखता है वही होता है।
रामायण में राम के किरदार के लिए गजेंद्र चौहान ने दिया था ऑडिशन
साल 1986 में रामायण (Ramayana) धारावाहिक के लिए ऑडिशन हुए। रामायण के मुख्य किरदार राम के लिए गजेंद्र चौहान (Gajendra Chauhan) ने ऑडिशन दिया। लेकिन धारावाहिक बनाने वाले रामानंद सागर (चंद्रमौली चोपड़ा) ने उन्हें लक्ष्मण का अभिनय निभाने के लिए कहा। गजेंद्र चौहान ने बताया कि भगवान को कुछ और ही मंजूर था। रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने से इनकार कर दिया था।
बाद में महाभारत के निर्माण के लिए बीआर चोपड़ा के यहां ऑडिशन के लिए आवेदन किया। उस समय वहां आठ लाख आवेदन आए। उनमें से छंटनी के बाद आठ हजार, फिर तीन हजार और बाद में 500 आवेदन ही रह गए। उनमें से भी छंटनी के बाद 150 और सबसे आखिर में 12 आवेदन ऑडिशन के लिए रह गए।
कृष्ण का रोल करना चाहते थे युधिष्ठर बने गजेंद्र चौहान
गजेंद्र कहते हैं कि मैं केवल कृष्ण का किरदार निभाना चाहता था, लेकिन बीआर चोपड़ा ने कृष्ण के बड़े भाई बलराम का किरदार देना चाहा। वह ऑफर भी मैंने छोटा रोल कहते हुए ठुकरा दिया। लेकिन बीआर चोपड़ा ने फिर से युधिष्ठिर का रोल देने के लिए कहा। लेकिन वह किरदार भी छोटा लगा और इनकार कर दिया। बाद में फिर से बीआर चोपड़ा ने समझाया कि महाभारत में कृष्ण के बाद सबसे बड़ा पात्र युधिष्ठिर ही है और उसी के आसपास पूरी पटकथा लिखी गई है। बीआर चोपड़ा की समझाई बात ठीक लगी और युधिष्ठिर का किरदार निभाया।ये भी पढ़ें: Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरा देश हुआ राममयी, जानें हिमाचल से लेकर हरियाणा तक कैसी हैं तैयारियां
एक्टर गजेंद्र कहते हैं कि आज मेरे नाम के बजाय सभी युधिष्ठिर के रूप में ही जानते हैं। क्योंकि रामायण की तरह ही महाभारत भी विश्वविख्यात हुआ और सफलता के उस दौर में सभी रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए थे।
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