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Haryana News: झज्जर में मां फंदे पर लटकी थी, दूध के लिए रोता रहा 2 साल का मासूम

झज्जर में एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है। यहां एक युवती ने चुन्नी का फंदा बना आत्महत्या कर ली। वहीं उसका दो साल का बेटा दूध के लिए रोता रहा। जब महिला के पति भूपेश को बताया गया कि घर का मुख्य दरवाजा बंद है और बच्चा रो रहा है तो मानो उसके पैरों तले जमीन ही खिसक गई। वह आनन-फानन में तुरंत घर पहुंचा।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 15 Oct 2024 03:43 PM (IST)
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कलानौर में महिला ने किया सुसाइड (जागरण फाइल फोटो)

संवाद सहयोगी, जागरण l कलानौर (रोहतक)। मां फंदे पर लटकी थी और दो साल का बेटा दूध के लिए रोता रहा। घटना गांव काहनौर की है। झज्जर में ढाबे पर काम करने वाले भूपेश को जब उसके दोस्त ने बताया कि घर का मेन गेट बंद है और अंदर बच्चा रो रहा है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। वह तुरंत झज्जर से घर पहुंचा और बेटे को संभाला।

काहनौर निवासी भूपेश ने बताया कि पांच साल पहले उत्तर प्रदेश के रायबरेली की रितु के साथ उसकी शादी हुई थी। दो साल का बेटा है और हंसी खुशी से जीवन जी रहे थे। रविवार को वह काम पर चला गया। दोपहर करीब तीन बजे उसने रितु को फोन कर हालचाल पूछा। उसके बाद ढाबे से फ्री होने पर शाम साढ़े सात बजे भी रितु को कॉल की।

दोस्त ने किया भूपेश को कॉल

बार-बार कॉल करने के बाद भी रितु ने फोन नहीं उठाया। रात करीब 10 बजे किसी अनहोनी की आशंका के चलते उसने चार या पांच बार फिर कॉल की, लेकिन फोन नहीं उठा। इसी बीच उसने अपने दोस्त दीपक को फोन कर घर जाने को कहा। दीपक घर पहुंचा तो मेन गेट अंदर से बंद मिला और दो वर्षीय बेटे नील की अंदर से रोने की आवाज आ रही थी।

इसी बीच अनहोनी की आशंका के चलते भूपेश झज्जर से काहनौर की तरफ चल पड़ा और घर के बाहर लगे जाल से कुंडी खोलकर अंदर गया तो देखा कि रितु कमरे में चुन्नी से फंदा लगाकर लटकी हुई थी।

इसके बाद तुरंत पुलिस व उसके स्वजन को सूचना दी। काहनौर चौकी इंचार्ज राजेश ने बताया कि मृतका के स्वजन से बात हुई है और उनके बयान के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी।

नोट: सुसाइडल थॉट्स से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव

  1. तुरंत सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर: नेशनल क्राइसिस हेल्पलाइन (1098) या सुसाइड प्रिवेंशन हेल्पलाइन (1800 270 3233) पर कॉल करें।
  2. परिवार और दोस्तों से बात करें: अपने परिवार और दोस्तों से अपनी भावनाओं के बारे में बात करें।
  3.  मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करें: एक मनोचिकित्सक या काउंसलर से संपर्क करें।
  4. खुद को अलग न करें: अपने परिवार और दोस्तों से जुड़े रहें।
  5. हानिकारक वस्तुओं से दूर रहें: अपने आसपास किसी भी हानिकारक वस्तु से दूर रहें।
  6. सकारात्मक सोच को बढ़ावा दें: अपने विचारों को सकारात्मक और आशावादी बनाए रखें।

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