Haryana politics: चाचाओं से आखिर क्यों पीड़ित हैं दुष्यंत चौटाला? दीपेंद्र हुड्डा बोले- 'हम अपनी पीड़ा भी जाहिर ना करें'
Haryana politics हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला इन दिनों अपने चाचाओं के बेहद पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि इनकी बात ही ना करो तो अच्छा है। वे अकेले एक चाचा से नहीं बल्कि कई चाचाओं से परेशान हैं। उन्होंने साफ कहा है कि इनेलो और बसपा का गठबंधन बीजेपी ने कराया है। लेकिन बीजेपी को इससे क्या फायदा होगा ये खुलकर नहीं बताए।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला आजकल अपने चाचाओं से काफी पीड़ित हैं। उनका परिवार चूंकि काफी बड़ा है और हरियाणा विधानसभा में उनके परिवार से पांच विधायक चुनकर आए हैं, इसलिए राजनीति में तनातनी भी खूब रहती है। कोई विधायक किसी पार्टी से है तो कोई निर्दलीय।
प्रदेश में गठबंधन की राजनीति पर दुष्यंत चौटाला अपने अनुभव साझा करते हैं। कहते हैं कि इनेलो व बसपा का गठबंधन भाजपा ने कराया है। भाजपा को इसका क्या फायदा होगा, यह तो वे खुलकर नहीं बताते।
लेकिन जब चाचा अभय सिंह चौटाला की पार्टी इनेलो के साथ जजपा के संभावित गठबंधन की बात आती है और पूछा जाता है कि चाचा का गुस्सा आपके प्रति कम हुआ या नहीं, तो बोलते हैं कि मैं अकेले एक चाचा से नहीं, बल्कि कई चाचाओं से पीड़ित हूं। सारे चाचा मेरे पीछे पड़े हुए हैं। चाचाओं की बात ही ना करो तो अच्छा है।
'हम अपनी पीड़ा भी जाहिर ना करें'
लोकसभा में केंद्र सरकार के बजट पर चर्चा चल रही थी। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा ने अपनी-अपनी बारी में लगे हाथ हरियाणा के हितों से जुड़ी मांगें भी लोकसभा में उठा दीं।
एक, दो या तीन नहीं, बल्कि एक-एक दर्जन समस्याओं को दीपेंद्र व सैलजा ने ऐसे उठाया कि स्पीकर ओम बिडला को यह कहते हुए हस्तक्षेप करना पड़ा कि आप केंद्र सरकार के बजट पर बोलें।
कुमारी सैलजा ने तो बड़े ही शालीन तरीके से कह दिया कि हम हरियाणा के हैं तो अपने राज्य की बात करेंगे, लेकिन जब एक केंद्रीय मंत्री ने यह कहा कि यह राज्य का बजट नहीं है तो दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी सीट पर खड़े हो गये।
बोले कि कमाल की बात है। बजट में जब बिहार और आंध्रप्रदेश की तरफ खजाने का मुंह खोल दिया जाता है तो फिर राज्य की बात नहीं आती। हमें कुछ नहीं मिला, फिर भी हम अपनी पीड़ा जाहिर नहीं कर सकते।
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