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Crime News: जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड: कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, 25 मिनट तक चली बहस; आरोपी बोला- रहम करो...

हरियाणा के रोहतक में जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। आज हुई सुनवाई के दौरान पीड़ित और आरोपी पक्ष के बीच काफी देर तक बहस चली। आरोपी ने अपने बच्चे और बूढ़े मां-बाप का हवाला देते हुए रहम को लेकर गुहार लगाई तो वहीं तो वहीं पीड़ित पक्ष ने कहा की आरोपी को फांसी से कम सजा न दी जाए।

By Rahul Kumar Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Wed, 21 Feb 2024 07:52 PM (IST)
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जाट कालेज अखाड़ा हत्याकांड मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, रोहतक। जाट कालेज अखाड़ा हत्याकांड में बुधवार को कोर्ट का फैसला नहीं आ पाया है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब 23 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा। इससे पहले बुधवार को ही कोर्ट में दोनों दोषियों की सजा पर अभियोजन और बचाव पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. गगनगीत कौर की कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से 25 मिनट तक बहस चली।

सबसे पहले अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता जय हुड्डा ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए इस केस को क्रूरतम श्रेणी का होने की बात कही। उन्होंने दोषी सुखविंद्र के लिए फांसी की सजा की मांग की है। तर्क रखा गया कि इस केस में दो महिलाओं जिनमें से एक पूजा तोमर नाबालिग थी और ढाई साल के मासूम सरताज की बेरहमी से हत्या की गई है। केस में मृतकों की संख्या छह है। ऐसे में कोर्ट इसमें दोषी को फांसी से कम सजा न दे।

आरोपी ने कहा- रहम करो, मां-बाप बूढ़े हैं...

वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता बलबीर सिंह ढुल ने सजा में रहम की मांग की है। इसमें सुखविंद्र की ओर से याचिका दायर कर हवाला दिया गया है कि दोषी का अपनी पत्नी से तलाक हो चुका है। दंपती का एक सात साल का बेटा है जो दोषी के बूढ़े माता-पिता के पास रहता है। उसकी परवरिश को ध्यान में रखते हुए दोषी को कम सजा देने पर विचार किया जाए। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए केस में अगली तिथि 23 फरवरी तय कर दी। उसी दिन कोर्ट केस में सजा पर फैसला सुनाएगी।

कड़ी सुरक्षा में एंबुलेंस में दोनों को कोर्ट लेकर पहुंची पुलिस

रोहतक के जाट कॉलेज अखाड़ा में 12 फरवरी 2021 को छह लोगों की हत्या की गई थी। इसमें सोनीपत के बरोदा मोर का सुखविंद्र कोच कोर्ट में दोषी सिद्ध हो चुका है। उसको हथियार उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश के शामली निवासी मनोज फौजी को भी कोर्ट ने दोषी करार दिया है। पुलिस बुधवार को इन दोनों को कड़ी सुरक्षा में सुनारिया जेल से एक एंबुलेंस में लेकर दोपहर साढ़े 11 बजे कोर्ट पहुंची। पेशी के दौरान पुलिस ने कोर्ट कैंपस की पूरी गैलरी को खाली करा दिया था।

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