Haryana News: रोहतक के डिस्पोजल रूम में केमिकल धमाका, बिहार और यूपी के दो मजदूरों की मौत
हरियाणा के रोहतक में एक डिस्पोजल कमरे में केमिकल धमाका (Rohtak Chemical Blast) होने से दो मजदूरों की मौत हो गई। यह हादसा बुधवार रात को हुआ। विस्फोट के कारण कमरे और निकट परिसर में धुआं ही धुआं हो गया। तेज आवाज के साथ हुए विस्फोट से दूसरे मजदूर भी सहम गए। आशंका है कि तापमान बढ़ने से यह हादसा हुआ है।
जागरण संवाददाता, रोहतक। गोहाना रोड स्थित जन स्वास्थ्य विभाग के डिस्पोजल परिसर स्थित कमरे में रखे केमिकल में बुधवार की आधी रात में विस्फोट हो गया। तेज आवाज के साथ हुए विस्फोट से मजदूर धर्मबीर सिंह (30 वर्ष) व प्रेमनाथ मंडल (25 वर्ष) की मौत हो गई।
विस्फोट के चलते कमरा और निकट परिसर में धुआं ही धुआं हो गया। तेज आवाज के साथ हुए विस्फोट से दूसरे मजदूर भी सहम गए। प्रशासन को सूचना दी गई। करीब 11-12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों मजदूरों के शव निकाले जा सके।
ऐसे हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शी एवं पंप ऑपरेटर नरेंद्र ने बताया कि रात करीब 10 बजे आंधी आ गई थी और बत्ती चली गई। लाइट करीब 11.15 बजे आई। बिजली आने के कुछ ही देर बाद धर्मबीर सिंह व प्र्रेमनाथ मंडल संबंधित कमरे में सोने के लिए चले गए। इसी कमरे में 15 पेटी पाउडर रखा हुआ था और इसलिए इसी कमरे में एसी लगा हुआ था।
धर्मबीर पुथ्थलपुर, जिला कासगंज (उत्तर प्रदेश) और प्रेमनाथ निवासी कुछवा जिला कटिहार (बिहार) रहने वाले थे। धर्मबीर व प्रेमनाथ के साथ स्टोर कीपर राजू भी सोने गए। मगर राजू का फोन आ गया तो वह बाहर आकर बात करने लगे।
रात करीब 12.15 बजे अचानक विस्फोट हो गया, इसलिए सबसे पहले बिजली की आपूर्ति बंद की गई। फिर कर्मचारियों व मजदूरों ने मुंह पर रूमाल व गमछा बांधकर पाइपों के माध्यम से अंदर पाइपों से पानी छोड़ते रहे। सूचना पर पुलिस, एंबुलेंस व बचाव दल भी पहुंचा।
मगर केमिकल की दुर्गंध व धुंआ अधिक होने के कारण वीरवार की दोपहर करीब 12 बजे तक शव निकाले जा सके। जब शव निकाले गए तो वे बुरी तरह जले हुए थे। विस्फोट के कारण कमरे में दरारें आ गईं। करीब 20 घंटे बाद ही दूर तक दुर्गंध व धुंआ उठता रहा। कर्मचारियों की समझ में कुछ नहीं आया।
पुणे से आता है केमिकल, सीवरेज लाइन के अंदर पाइप जैसी लेयर बनाता है
गोहाना रोड स्थित पीरबोधी डिस्पोजल से लेकर गोहाना रोड होते हुए राजश्री गार्डन के निकट यानी करीब 540 मीटर में सीवरेज की लाइन पर सीआइपीपी (क्योर इन प्लेस्ड पाइप) का कार्य चल रहा है।
इससे सीवरेज लाइन धंसने या फिर टूटने की स्थिति में परका डोक्स नामक केमिकल वाले पाउडर का उपयोग होता है। इसे मशीन के माध्यम से लाइन के अंदर ही पाइप जैसी लेयर बनाई जाती है।
मौके पर ले जाने के लिए बर्फ की सिल्लियों में रखकर ले जाते हैं। जहां इसे रखा जाता है वहां का तापमान भी 25-30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। यह पाउडर पुणे से आता है।
पिछले करीब दो वर्षों से रोहतक में सीआइपीपी का कार्य हो रहा है। डिस्पोजल के निकट ही काम होने के कारण यहीं कमरे में केमिकल रखा गया था।
जब भी कोई केमिकल रखा जाता है वह बेहद सुरक्षित और नियमानुसार कम तापमान पर रखा जाता है। अक्सर इस तरह के केमिकल रखने पर नमी व अधिक तापमान बढ़ने पर सल्फर गैस बनने लगती है। जिससे इस तरह के विस्फोट की संभावना प्रबल हो जाती है।
इस तरह के हादसे में देखना होगा कि इस तरह के संवेदनशील केमिकल को किन सुरक्षा संसाधनों के बीच रखा गया था। जिस केमिकल से हादसे की बात हो रही है वह भी बेहद संवेदनशील है, नियमानुसार भंडारण का इंतजाम होना चाहिए।
डॉ. भूमिका शर्मा, सहायक प्रोफेसर, केमिस्ट्री डिपार्टमेंट
आज तक इस तरह केमिकल में विस्फोट होने की जानकारी सामने नहीं आई है। यहां सीआइपीपी का कार्य एक निजी कंपनी करा रही है। अंदर सोने गए मजदूरों ने बीड़ी पी या फिर गर्मी के कारण केमिकल में कोई विस्फोट हुआ यह कहना बहुत मुश्किल है। इस प्रकरण की जांच कराएंगे, जांच के बाद ही सब स्पष्ट होगा।
आरके शर्मा, अधीक्षण अभियंता, जनस्वास्थ्य विभाग
दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करवाया जा चुका है। अभी तक मृतक के स्वजनों ने कोई शिकायत नहीं दी है। फिर भी प्राथमिक तौर पर जांच की जा रही है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
निरीक्षक सुनील कुमार, प्रभारी, ओल्ड सब्जी मंडी थाना घटना स्थल पर जाकर देखा कि सबकुछ जला हुआ था। वहां रखे केमिकल के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। इसके बाद ही पता चल सकेगा कि केमिकल से क्या हुआ था। अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो सका।
डॉ. सरोज दहिया, एक्सपर्ट, एसएफएल रोहतक