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Rohtak: 41 साल से नकली पहचान के साथ राजस्थान के अफसरों के घर संभाल रहा था फर्जी आईपीएस रणधीर सिंह

पुलिस के हाथ आए राजस्थान के नकली आईपीएस 61 वर्षीय रणधीर सिंह के कारनामों का अब राजफाश हो रहा है। उसकी असल पहचान भी पुलिस ने ढूंढ ली है। 41 साल से राजस्थान पुलिस के कई बड़े अफसरों के घरों में रणधीर सिंह की नकली पहचान के साथ काम कर रहा था। वो अफसरों के बगीचे और दूसरे घरेलू काम संभालता था। शातिर रणधीर उर्फ बनी सिंह झज्जर के अच्छेज के पास पहाड़ीपुर गांव का रहने वाला है।

By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Mon, 06 Nov 2023 10:08 AM (IST)
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41 साल से नकली पहचान के साथ राजस्थान के अफसरों के घर संभाल रहा था फर्जी आईपीएस। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, रोहतक। (Haryana Crime News) पुलिस के हाथ आए राजस्थान के नकली आईपीएस 61 वर्षीय रणधीर सिंह के कारनामों का अब राजफाश हो रहा है। उसकी असल पहचान भी पुलिस ने ढूंढ ली है। आरोपित झज्जर (Jhajjar News) जिले के गांव पहाड़ीपुर का बनी सिंह है। 20 वर्ष की उम्र में उसने अपना गांव छोड़ दिया था।

41 साल से राजस्थान पुलिस (Rajasthan police) के कई बड़े अफसरों के घरों में रणधीर सिंह की नकली पहचान के साथ काम कर रहा था। वो अफसरों के बगीचे और दूसरे घरेलू काम संभालता था। इसी बीच उसके शातिर दिमाग ने काम करना शुरू कर दिया। उसने अपने साहब के जैसी वर्दी और उनके आई-कार्ड बनाए।

कई ऐसे शिकार ढूंढे जिनका काम पुलिस के बड़े अफसरों से ही बनना था। बनी सिंह उर्फ रणधीर सिंह पूरे रौब से उन लोगों के पास पहुंचता। खुद को आईपीएस बता सीधे उनका काम कर देने का ऑफर देकर ठगी करता। रोहतक की थाना सदर पुलिस (Haryana Police) ने उसे रविवार को कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है। उसे सोमवार को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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भिवानी-राजस्थान में भी दर्ज है एक-एक केस

रणधीर उर्फ बनी सिंह का रोहतक में पकड़ा जाना पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वो भिवानी और राजस्थान में पकड़ा जा चुका है। उसने रोहतक पुलिस को बताया है कि दोनों बार पकड़े जाने पर उसकी असल पहचान उजागर नहीं हो पाई थी। दोनों जगह उस पर केस दर्ज हैं। पुलिस उन केस की डिटेल जुटा रही है।

दसवीं करने से पहले भाग गया था गांव से

शातिर रणधीर उर्फ बनी सिंह झज्जर के अच्छेज के पास पहाड़ीपुर गांव का रहने वाला है। उसके भाई से रोहतक पुलिस ने संपर्क किया है। उसने बताया कि बनी सिंह ने दसवीं करने से पहले ही वर्ष 1982 में गांव छोड़ दिया था। वो राजस्थान में चला गया। कई-कई वर्ष में गांव आता था।

तब बड़े पुलिस अफसरों का काम करने की बात करता था। बनी सिंह ने राजस्थान में अपनी शादी करने के बारे में पुलिस को बताया है। लेकिन गांव में उसके परिवार को उसकी शादी की जानकारी नहीं है।

पहली बार होमगार्ड की लगवाई थी ड्यूटी

बनी सिंह ने बताया कि कई साल पहले राजस्थान के एक वरिष्ठ आईपीएस के यहां काम करते हुए उसे एक होमगार्ड ने ड्यूटी लगवाने की बात कही थी।

इसके बाद एक बार जिस अफसर के यहां वो काम करता था तो उसने वहां आए दूसरे अफसर को उस होमगार्ड की सिफारिश कर दी। होमगार्ड का काम हो गया तो उसने उसे एक हजार रुपये दिए। इसके बाद बनी सिंह उर्फ रणधीर ने इसी तरह से लाखों कमाने की सोची।

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