रोहतक PGIMS की ओपीडी अब पूरी तरह बंद, वार्डों में नहीं करेंगे मरीज भर्ती, स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा बुरा असर
रोहतक PGI में हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर अब बुरा असर पड़ता दिखाई दे रहा है। शुक्रवार से करीब आठ हजार मरीज अपनी जांच व उपचार नहीं करवा सकेंगे। नर्सिंग एसोसिएशन व पैरामेडिकल स्टाफ के साथ आ जाने के कारण स्थिति पूरी तरह से ब्लैक आउट जैसी बन गई है।
By Sanjay kumarEdited By: Naveen DalalUpdated: Thu, 24 Nov 2022 09:25 PM (IST)
रोहतक, जागरण संवाददाता। रोहतक पीजीआइ की ओपीडी सेवाएं शुक्रवार से पूरी तरह बंद रहेंगी। वहीं शनिवार से वार्डों में मरीज भर्ती करना भी चिकित्सकों के द्वारा बंद कर दिया जाएगा। इसका ऐलान वीरवार को ज्वाइंट एक्शन कमेटी की आमसभा के बाद कर दिया गया। वहीं 28 नवंबर से आपात सेवाएं भी पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी। जिसमें ट्रामा सेंटर, आइसीयू, आपात विभाग, गायनी व निकू शामिल हैं।
कामन कैडर व बांड पालिसी पर 28 से आपात सेवाएं भी बंद करेगी ज्वाइंट एक्शन कमेटी
स्वास्थ्य सेवाओं पर अब बुरा असर पड़ता दिखाई दे रहा है। शुक्रवार से करीब आठ हजार मरीज अपनी जांच व उपचार नहीं करवा सकेंगे। नर्सिंग एसोसिएशन व पैरामेडिकल स्टाफ के साथ आ जाने के कारण स्थिति पूरी तरह से ब्लैक आउट जैसी बन गई है। शुक्रवार को ज्वाइंट एक्शन कमेटी का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को बातचीत के लिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज व मुख्यमंत्री से मिलने के लिए चंडीगढ़ रवाना होगा।
रेजिडेंट आज से बंद करेंगे आपात सेवाएं
रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन शुक्रवार से ही आपात सेवाएं बंद कर रही है। पूर्व निर्धारित नोटिस के तहत रेजिडेंट डाक्टर पूरी तरह से अपनी सेवाएं बंद करेंगे। जिसके बाद आपात सेवाएं व वार्ड संभालने का जिम्मा कंसलटेंट पर रहेगा। कंसलटेंट के भरोसे वार्ड, ट्रामा सेंटर, आपात विभाग काे चला पाना मुश्किल साबित हो रहा है। वर्तमान में भी कंसलटेंट को 12-12 घंटे अपनी सेवाएं देनी पड़ रही हैं।
भूख हड़ताल पर बैठे दस छात्र
बांड पालिसी पर छात्रों का धरना 24वें दिन में प्रवेश कर गया। ओपीडी में छात्रों की एंट्री बैन किए जाने के विरोध में वीरवार को दस एमबीबीएस छात्र भूख हड़ताल पर बैठ गए। वहीं ज्वाइंट एक्शन कमेटी से भी छात्रों ने अनुरोध किया था कि वे उनके लिए कोई कड़ा फैसला लेकर प्रदेश सरकार तक संदेश भेजने का काम करें। जिस पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने भी कड़ा रुख अपनाया है।खाली होने लगे वार्ड, घर लौट रहे मरीज
पीजीआइएमएस में हड़ताल का ऐलान होने के बाद से मरीज वार्ड को छोड़कर घर जाने लगे हैं। क्योंकि वीरवार को रेजिडेंट डाक्टरों ने कार्य नहीं किया, जिसके चलते मरीजों के देखभाल कम हो गइ्र है। आपात विभाग के गेट पर हर पांच से दस मिनट में एंबूलेंस मरीजों को ले जाने के लिए पहुंच रही थी। अनुमान के अनुसार 200 से अधिक मरीज वीरवार को वार्ड से घर लौट गए हैं।कामन कैडर पर भी साथ चलेगी लड़ाई
ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से कामन कैडर को लेकर भी बांड पालिसी के साथ ही लड़ाई छेड़ दी गइ्र है। पीजीआइ के करीब छह हजार कर्मचारी सरकार से ठोस आश्वासन चाहते हैं कि विधानसभा में लाए जा रहे बिल में उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा। जिसको लेकर पीजीआइ की सभी एसोसिएशन पर कर्मचारी लगातार दबाव बना रहे थे। जिसके चलते आमसभा में हर एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी मुखर नजर आए।मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से मिलने चंडीगढ़ जाएगा प्रतिनिधिमंडल
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के द्वारा शुक्रवार से ओपीडी बंद करने, 26 नवंबर से वार्डों में मरीज भर्ती करना बंद करने व 28 नवंबर से आपात सेवाएं बंद करने का फैसला लिया गया है। जिसको लेकर पीजीआइ प्रबंधन को सूचित कर दिया गया है। बांड पालिसी पर वे छात्रों के साथ हैं लेकिन कामन कैडर का भी मुद्दा इसके साथ लेकर चल रहे हैं।---डा. विवेक मलिक, सचिव, एचएसएमटीए पीजीआइ रोहतक।
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