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रद्द हो जाएगी गुरमीत राम रहीम की पैरोल? मुख्य चुनाव आयुक्त से हुई मांग

अंशुल छत्रपति ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह की पैरोल अर्जी रद्द करने की मांग की है। उनका कहना है कि गुरमीत सिंह उनके पिता रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में सजायाफ्ता है और उस पर अन्य गंभीर आरोप भी हैं। अंशुल ने आशंका जताई है कि गुरमीत सिंह पैरोल पर बाहर आकर चुनावों में किसी खास राजनीतिक दल को फायदा पहुंचा सकता है।

By sanmeet singh Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Tue, 01 Oct 2024 06:25 PM (IST)
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सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के पैरोल आवेदन को रद्द करने की मांग।
जागरण संवाददाता, सिरसा। सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के पैरोल आवेदन को रद्द करने की मांग को लेकर रामचंद्र छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है। अपने पत्र में अंशुल ने कहा कि उनके पिता रामचंद्र छत्रपति की हत्या में गुरमीत सिंह रोहतक की सुनारिया जेल में सजायाफ्ता है।

इसके अलावा उस पर अपने साधुओं को नपुंसक बनाने व पंजाब में बेअदबी के मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। डेरा प्रमुख अपनी राजनीतिक विंग के जरिये पिछले दो दशकों से अपने श्रद्धालुओं के वोटों का सौदा करता रहा है। पिछले दो सालों में ही उसे दस बार पैरोल या फरलो दी गयी है, जिसके तहत वह 255 दिन जेल से बाहर रहा है।

अब हरियाणा चुनावों के मद्देनजर अगस्त 2024 से आचार संहिता लागू है। इस दौरान एक बार फिर से डेरा प्रमुख ने इमरजेंसी पैरोल के लिए आवेदन किया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान गुरमीत सिंह को पैरोल दिया जाना लोकतांत्रिक मूल्यों, निष्पक्ष चुनाव और मतदान के निष्पक्ष अधिकार का हनन होगा क्योंकि प्रत्येक चुनाव की भांति जेल से बाहर आने के बाद वह किसी विशेष राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने के लिए अपने श्रद्धालुओं को संदेश देकर मतदान को प्रभावित कर सकता है।

उक्त परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए गुरमीत सिंह के पैरोल आवेदन को रद्द करने के लिए चुनाव आयोग की तरफ से हरियाणा सरकार को निर्देश दिया जाए और इसके अलावा निष्पक्ष मतदान के हित में डेरा सच्चा सौदा की राजनीतिक गतिविधियों पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए।

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