Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

किसी भी शैक्षणिक संस्थान की पहचान वहां के विद्यार्थियों से होती है : सोलंकी

विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति का स्वर्णिम काल होता है। इस समय के अनुभव

By JagranEdited By: Updated: Fri, 25 Dec 2020 06:04 AM (IST)
Hero Image
किसी भी शैक्षणिक संस्थान की पहचान वहां के विद्यार्थियों से होती है : सोलंकी

जागरण संवाददाता, सिरसा : विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति का स्वर्णिम काल होता है। इस समय के अनुभव व्यक्ति के जीवन भर काम आते हैं। जो विद्यार्थी अपने अध्ययन काल के दौरान अनुशासन में रहकर लक्ष्य निर्धारित कर जीवन में आगे बढ़ता है ,सफलता उसके कदम चूमती है। अध्यापक का विद्यार्थियों के जीवन में अहम योगदान होता है। किसी भी शैक्षणिक संस्थान की पहचान वहां के विद्यार्थियों से होती है। ये विचार चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह सोलंकी ने छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन इंडक्शन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। कुलपति ने कहा कि सीडीएलयू में उच्चतर शिक्षण संस्थान में उपलब्ध होने वाली प्रत्येक सुविधाएं उपलब्ध हैं। विश्वविद्यालय का अपना सिटीजन चार्टर है। उन्होंने वीरवार को फैकल्टी ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट, ह्यूमनेटिज तथा लाइफ साइंस के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करें और अगर कोई दिक्कत आती है तो संबंधित विभागाध्यक्ष से संपर्क करें।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. राकेश वधवा ने कहा कि विद्यार्थियों को अपनी रूचि अनुसार करियर का चयन करना चाहिए। विद्यार्थियों को महापुरुषों तथा सफल लोगों की जीवनियों में दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद के नाम पर पुस्तकालय स्थापित किया गया है जो अत्यंत समृद्ध है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक ऊर्जा के साथ किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है। सही वक्त पर लिए गया सही फैसला ही आदमी की समृद्धि का प्रतीक है। शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश गहलावत ने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए तथा सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने इंटेलिजेंस कुयशनट तथा इमोशनल कुयशनट के बारे में बताया कि कौशल विकास के लिए विश्वविद्यालय द्वारा चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है। विद्यार्थी अपने रूचि अनुसार अन्य विभाग में भी पढ़ सकते हैं। विज्ञान का विद्यार्थी कला संकाय में तथा कला का विज्ञान संकाय का विषय पढ़ सकता है। विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन प्रोफेसर अभय गोदारा ने छात्रावास में मिलने वाली सुविधाओं, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर सुल्तान सिंह ने समय प्रबंधन बारे, स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय के डिप्टी लाइब्रेरियन डा. राजीव विज ने पुस्तकालय की ऑनलाइन तथा ऑफलाइन सुविधाओं के बारे में, युवा कल्याण निदेशालय की निदेशिका डॉ. मंजू नेहरा ने विद्यार्थियों को सांस्कृतिक गतिविधियों के महत्व के बारे में बताया।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर