Move to Jagran APP

पूर्व मंत्री की जिंदगी में ऐसे हुई थी गीतिका की एंट्री, 11 साल बाद निर्दोष साबित हुआ गोपाल कांडा

Geetika Sharma Suicide Case Rouse Avenue Court हाई प्रोफाइल एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में दिल्ली की एवेन्यू कोर्ट में आज बड़ा फैसला सुनाया गया। हत्याकांड के मुख्य आरोपी गोपाल कांडा को अदालत ने बरी कर दिया। वहीं एमडीएलआर की मैनेजर अरुणा चड्ढा को निर्दोष करार दिया गया है। 2012 में एयर होस्टेस गीतिका शर्मा ने सुसाइड कर लिया था।

By Preeti GuptaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Tue, 25 Jul 2023 11:35 AM (IST)
Hero Image
Air Hostess Geetika Sharma सुसाइड केस के मुख्य आरोपी गोपाल कांडा बरी
सिरसा, ऑनलाइन डेस्क। Geetika Sharma Suicide Case Rouse Avenue Court: हाई प्रोफाइल एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में दिल्ली की एवेन्यू कोर्ट में मंगलावर को फैसला सुनाया है। अदालत ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी और हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री गोपाल कांडा को बरी कर दिया है। साथ ही एमडीएलआर की मैनेजर अरुणा चड्ढा  को निर्दोष करार दिया गया है। 

साल 2012 में एयर होस्टेस गीतिका शर्मा ने सुसाइड कर लिया था। यह 11 साल पुराना ऐसा मामला है जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया था। इस मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा पर केस चला।

घर पर फांसी लगाकर गीतिका ने किया सुसाइड

दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने फ्लैट में 23 साल की गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त, 2012 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। गीतिका शर्मा ने अपने घर में लगे पंखे में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। गीतिका एमडीएलआर एयरलाइंस की पूर्व डायरेक्टर थी। यह एयरलाइंस अब बंद हो चुकी है। उन्होंने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट लिखा था। जिसमें गोपाल कांडा पर आरोप लगाए थे।

गोपाल कांडा पर लगे यौन शोषण के आरोप

 कांडा पर आरोप था कि उसने एयरहोस्टेस गीतिका को आत्महत्या के लिए उकसाया। अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने कांडा पर शोषण करने और गलत इरादे से इस्तेमाल करने जैसे प्रमुख आरोप लगाए थे। अपने सुसाइड नोट में गीतिका ने अपनी मौत के लिए एमडीएलआर की मैनेजर अरुणा चड्ढा को भी जिम्मेदार ठहराया था। गीतिका के घरवालों ने भी इस खुदकुशी के लिए गोपाल गोयल कांडा को आरोपी ठहराया था।

सुसाइड नोट में गीतिका ने क्या लिखा?

गीतिका शर्मा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि गोपाल कांडा एक फ्रॉड है और हमेशा लड़कियों के प्रति गलत नजर रखता है। उसकी आदत लड़कियों को प्रताड़ित करने की है। वो हमेशा लड़कियों की ताक में रहता है। मैंने अपनी जिंदगी में उससे बेशर्म इंसान नहीं देखा। वो हमेशा झूठ बोलता है।

 गीतिका पर मेहरबान गोपाल कांडा

हवाई चप्पल बेचने से लेकर और रियल स्टेट में हाथ आजमाने वाले गोपाल कांडा ने साल 2008 में एयरलाइन कंपनी की शुरुआत की थी। जिसका नाम उसने अपने पिता के नाम पर रखा था। इसी कंपनी में उसने गीतिका को नौकरी पर रखा था। कांडा गीतिका पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहता था, इसलिए उसने गीतिका को कम समय में ही अपनी कंपनी का डायरेक्टर बना दिया।

दुबई से वापस आने के लिए गीतिका को मजबूर करने का आरोप

28 अगस्त, 2008 को गीतिका को  सीनियर केबिन क्रू प्रमोट किया गया। 31 मार्च, 2009 को उसे कोऑर्डिनेटर बना दिया गया। हालांकि, इस बीच गीतिका को बहुत कुछ सहना पड़ा था। 22 मई, 2010 को गीतिका ने कंपनी से रिजाइन दे दिया था और दुबई जाकर एमिरेट्स एयरलाइंस में नौकरी की थी। लेकिन, ऐसा आरोप लगाया जाता है कि वहां भी गोपाल ने उन्हें जीने नहीं दिया था और उन्हें दुबई से वापस बुलाने और अपनी कंपनी में काम करने के लिए मजबूर कर दिया था।

गीतिका के दोबारा नौकरी ज्वाइन करने पर रखी घिनौनी शर्त

 23 साल की गीतिका ने 2011 में फिर एमडीएलआर एयरलाइंस को ज्वाइन किया था। गीतिका को दोबारा नौकरी पर रखते हुए कांडा ने गीतिका के सामने जो शर्ते रखीं वो होश उड़ाने वाली थी। पुलिस के मुताबिक इन शर्तों में एक शर्त यह भी थी कि गीतिका रोज शाम को काम खत्म करने के बाद गोपाल कांडा से मिलेगी। इन सबसे वह इतना अधिक प्रताड़ित हो चुकी थीं कि उन्होंने अंत में अपनी जीवन लीला को समाप्त करने का ही फैसला कर लिया। 05 अगस्त, 2012 को गीतिका ने सुसाइड कर लिया था।

18 महीनों तक जेल में रहा था कांडा

पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेते हुए तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। उन्होंने गीतिका की डायरी और मोबाइल को भी कब्जे में ले लिया। सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच करवाई गई। जिसके बाद गोपाल कांडा को अपने पद से इस्तीफा सौंपना पड़ा था। कांडा को इस मामले में 18 महीनों तक जेल में रहना पड़ा था।

छह महीने बाद मां ने भी किया सुसाइड

वहीं, मार्च 2014 में गोपाल कांडा को जमानत मिली, जो सहआरोपी अरुणा चड्ढा को हाई कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर उन्हें मिली थी। वहीं, गीतिका की मौत के बाद उनकी मां इस सदमे से उबर नहीं पाई थी। करीब छह महीने बाद उनकी मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली थी। गीतिका शर्मा के आत्महत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने गोपाल कांडा के खिलाफ चार्जशीट में आईपीसी की धारा 376, 377 के तहत आरोप चार्जशीट दायर किया था। इसके अलावा उन पर आईपीसी की सेक्शन 120 बी, 201, 466 ,468 और 469 के तहत भी पुलिस ने मामला दर्ज किया था। वहीं, आज इस मामले में अहम फैसला आया है। अदालत ने गोपाल कांडा को बरी कर दिया है। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।