Haryana News : 1500 करोड़ के फर्जी लेनदेन का मामला, ADGP ने दिए जांच के आदेश
एडीजीपी श्रीकांत जाधव के जनता दरबार में नशे घरेलू हिंसा के मामले आए। दरबार में 60 शिकायतें आई वहीं करीब 1500 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन तथा करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी करने का मामला भी उठा। जिस पर एडीजीपी ने मामले की जांच डीएसपी नरवाना को सौंपने के आदेश दिए हैं। साथ ही डीएसपी कालांवाली गुरदियाल सिंह को उक्त मामले की जांच की है।
By Paras PandeyEdited By: Paras PandeyUpdated: Tue, 10 Oct 2023 04:30 AM (IST)
संवाद सहयोगी, सिरसा। एडीजीपी श्रीकांत जाधव के जनता दरबार में नशे, घरेलू हिंसा के मामले आए। दरबार में 60 शिकायतें आई, वहीं करीब 1500 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन तथा करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी करने का मामला भी उठा। जिस पर एडीजीपी ने मामले की जांच डीएसपी नरवाना को सौंपने के आदेश दिए हैं।
साथ ही डीएसपी कालांवाली गुरदियाल सिंह को उक्त मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआइटी के प्रभारी प्रहलाद राय की भूमिका की जांच करने के आदेश भी दिए हैं। सोमवार को डबवाली शहर थाना में जनता दरबार में कालांवाली निवासी योगेश जैन ने मामला उठाया। योगेश की शिकायत पर 11 सितंबर 2019 को कालांवाली पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
शिकायत पर सुनवाई करते हुए एडीजीपी ने कहा कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है तो योगेश जैन ने कहा कि दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। दोनों लोगों को ही गिरफ्तार नहीं किया गया है। जांच अधिकारी प्रहलाद ने सबूत नष्ट कर दिए। इस वजह से केस प्रभावित हो रहा है। ऐसे हुआ था खेल एसआइटी ने डबवाली निवासी अरविंद मोंगा उर्फ छिंपा तथा हिसार निवासी लोकेश को गिरफ्तार किया था। बताया जाता है कि लोकेश दिल्ली से एचडीएफसी बैंक के गिफ्ट कार्ड खरीद करता था। कार्डों को छिंपा को बेच देता था।
धंधे से जुड़े लोग जाली आइडी के आधार पर मिले सिम तथा जाली पैन कार्ड की बदौलत पेजैप एप पर आइडी बना लेते थे। गिफ्ट कार्ड से शापिंग करने के बहाने वे आइडी का प्रयोग करके कैश बैक प्राप्त करते थे। दरअसल, ऐसा करने वाले लोग किसी तरह की शापिंग नहीं करते थे। यह एकमात्र दिखावा होता था। बाद मे जो कैश बैक मिलता था, उसे मिल-बैठकर चट कर जाते थे। एप के जरिए 10 फीसद तक कमीशन मिलता था। जबकि संबंधित के पैन कार्ड में इंट्री दर्ज हो जाती थी।
उपरोक्त फ्राड में केवल दो ही लोग संलिप्त नहीं थे। दोनों ने डबवाली से हिसार तक के कई पैट्रो डीलर्ज, मोबाइल विक्रेताओं के नाम उगले थे।पेजैप एप बनी थी जरिया पेजैप एप के जरिए गिफ्ट कार्ड का ऐसा खेल खेला गया था कि शातिर 1500 करोड़ का फर्जी लेनदेन कर गए थे। इतना ही नहीं करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी हो गई थी। आरोपित डबवाली निवासी अरविंद मोंगा उर्फ शिम्पा ने रिमांड अवधि के दौरान एसआइटी के समक्ष जुर्म कबूल करते हुए पंजाब के जिला बठिंडा, हरियाणा के सिरसा, हिसार स्थित पेट्रोल पंप संचालकों के नाम उगले थे।
उनमें पंजाब के जिला बठिंडा के गांव डूमवाली के तीन हरियाणा के जिला सिरसा का एक हिसार के सात से ज्यादा पेट्रोल पंप शामिल था। जो गिफ्ट कार्ड का खेल खेलते थे। एसआइटी की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठे थे।हत्या के मामले पर इत्तेफाकिया कार्रवाई की गांव डबवाली निवासी राजवीर सिंह ने एडीजीपी को शिकायत दी कि दो अगस्त 2022 को उसके भाई सुखजीवन की हत्या कर दी गई थी।उसने शिकायत में छह लोगों पर आरोप लगाया है। उसने कहा कि पूर्व थाना प्रभारी ने खाली कागजों पर उसके हस्ताक्षर लिए थे। हत्या के मामले को इत्तेफाकिया बना दिया। हत्यारोपित उसे भी वाट्सएप काल करके धमकियां दे रहे हैं। कह रहे हैं कि उसके भाई की तरह उसकी भी हत्या कर देंगे। एडीजीपी ने डीएसपी डबवाली को मामले की जांच के आदेश दिए।
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