जगमालवाली डेरा विवाद: वीरेंद्र सिहं सहित चार को मिली जमानत, अज्ञात स्थान पर ले गई पुलिस, वकील साहिब के परिजनों ने की शांति की अपील
जगमालवाली डेरा विवाद संत बहादुर चंद उर्फ वकील साहिब के परिवार ने संगत से शांति बनाए रखने की अपील की। डेरे में रहने वाले उनके भतीजे विष्णु ने कहा कि संतो का भोग 8 अगस्त को रखा गया है। पूरी साध संगत से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा साध संगत सिमरण करते हुए पहुंचे और सिमरण करते हुए वापस जाए।
जागरण संवाददाता, सिरसा। शाह मस्ताना बलोचिस्तानी डेरा सच्चा सौदा जगमालवाली की गद्दी को लेकर चल रहे विवाद के बीच शनिवार को उत्तराधिकारी वीरेंद्र सिंह और उसके तीन साथियों को एसडीएम कालांवाली कोर्ट से जमानत मिली है।
डयूटी मजिस्ट्रेट ने गद्दी विवाद के चलते शांति भंग करने की आशंका के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 126, 170 के तहत उन्हें जमानत दी है। वहीं दूसरी ओर संत बहादुर चंद उर्फ वकील साहिब के स्वजनों ने संगत से शांति बनाए रखने की अपील की है।
पिटाई के बाद बढ़ा तनाव
बता दें कि वकील साहिब का एक अगस्त को देहांत हो गया। इसके बाद उनकी गद्दी को लेकर विवाद छिड़ गया है। वसीयत के आधार पर दावा जता रहे वीरेंद्र सिंह की कुछ अनुयायियों ने पिटाई कर दी थी। इसके बाद तनाव पैदा हो गया।
डेरा सच्चा सौदा जगमालवाली के गद्दी का उत्तराधिकारी का दावा करने वाले वीरेंद्र सिंह और तीन साथियों को डबवाली पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से शनिवार दिनभर गांव डबवाली के पुराने थाने में रखा हुआ था। इस दौरान डबवाली पुलिस के उच्च अधिकारी भी दिन भर मौजूद रहे। कालांवाली के पूर्व विधायक बलकौर सिंह भी मौजूद थे।
शाम चार बजे दो गाड़ियों में निकला
शाम चार बजे डबवाली सीआइए थाने से वीरेंद्र सिंह सहित चार लोगों को डबवाली पुलिस की दो गाड़ियां सुरक्षित स्थान पर लेकर गई। इस काफिले में कालांवाली एसएचओ विक्रम सिंह, पूर्व विधायक बलकौर सिंह और सीआइए स्टाफ के कर्मचारी थे।
हालांकि पूर्व विधायक बलकौर सिंह का कहना है कि वे डेरे में शांति के मामले के चलते एसपी से मिलने के लिए वहां पर गए थे। लेकिन उनकी वीरेंद्र से कोई बातचीत नहीं हुई।
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वकील साहिब के स्वजन ने की शांति की अपील
दूसरी ओर जगमालवाली डेरे में शनिवार को भी भारी पुलिस बल तैनात रहा। संत बहादुर चंद उर्फ वकील साहिब के परिवार ने संगत से शांति बनाए रखने की अपील की। डेरे में रहने वाले उनके भतीजे विष्णु ने कहा कि संतो का भोग 8 अगस्त को रखा गया है।
पूरी साध संगत से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा साध संगत सिमरण करते हुए पहुंचे और सिमरण करते हुए वापस जाए। उन्होंने कहा कि किसी अफवाह पर ध्यान ना दें अफवाहें फैल रही है उन पर कोई ध्यान नही देना है। मेहनत करके बनाए डेरे की इज्जत को बरकरार रखना है और शांति बनाकर रखनी है।
इस मौके पर संत वकील साहब के बेटे ओम प्रकाश, भाई बुध राम व शंकर लाल, भानजा संजय, भतीजा विष्णू और बहन सोमा मौजूद थे।
अमर सिंह का दावा- 21 जुलाई को हुआ था देहांत
अमर सिंह का दावा है कि वकील साहब की मौत 21 जुलाई को हो चुकी थी। उन्होंने कुछ मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर हार्ट अटैक से उनकी मौत होने का दावा किया। संगत को गुमराह किया गया और यह गद्दी हथियाने की साजिश थी। इसलिए 11 दिनों बाद उनकी मौत की बात कही गई।
अमर सिंह ने कहा कि वे अन्य लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं और इस मामले को पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट में लेकर जाएंगे। हमारी कोर्ट से मांग होगी कि इस मामले की जांच सीबीआइ से करवाई जाए। अमर सिंह का कहना है कि वह गद्दी का दावेदार नहीं है। ना ही डेरे का कोई गुट है।