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कीमत 25 करोड़ और वजन 1500 किलो, डाइट में खाता है काजू-बादाम; लाखों में बिकता है स्पर्म... हरियाणा का धाकड़ भैंसा

राजस्थान के पुष्कर मेले में सिरसा के भैंसे अनमोल को प्रथम स्थान मिला है। पूरे हरियाणा में अनमोल को खूब शाबसी मिल रही है। अनमोल के मालिक ने बताया कि वह नाश्ते में काजू-बादाम का सेवन करता है। डाइट पचाने के लिए उसे वह रोज 10 किलोमीटर चलाता है। अनमोल के स्पर्म से भी मालिक को तगड़ी कमाई होती है।

By sanmeet singh Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 16 Nov 2024 06:19 PM (IST)
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पुष्कर मेले में मालिक के साथ अनमोल की फोटो (जागरण न्यूज)
जागरण संवाददाता, सिरसा। सिरसा के हस्सू गांव के जगतार सिंह का भैंसा अनमोल राजस्थान के अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में प्रथम आया है। अनमोल अब तक 6 बार इनाम जीत चुका है। पिछली बार इसी पुष्कर मेले में वह दूसरे स्थान पर रहा था। लेकिन उसके दो कटड़े और एक कटड़ी प्रथम स्थान पर रही थी

जगतार का दावा है कि तब डॉक्टरों ने कहा कि सारे इनाम तुम ही ले जाओगे। इसलिए इसे दूसरा इनाम दिया गया। शनिवार को भैंसे अनमोल को उसका मालिक जगतार सिंह बड़ी मुश्किल से वहां से वापस लेकर आए हैं। क्योंकि भैंसे की प्रसिद्धि के चलते पुष्कर मेला मैनेजमेंट कमेटी उसे दो दिन ओर रखना चाहती थी। लेकिन वे वापस आना चाहते थे।

अनमोल को 14 नवंबर को खिताब मिला था। ऐसे में पुष्कर पुलिस प्रशासन की सहायता से वे वहां से निकले हैं। हालांकि, जगतार सिंह अब पिछले दो साल से बठिंडा के कोटबख्तू गांव में अपने परिवार सहित रह रहे हैं।

इनाम जीतने पर डॉक्टर ने रखा था नाम अनमोल

जगतार सिंह ने बताया कि उसके पास 18 एकड़ जमीन है। उसे पशुओं का शुरू से ही शौक रहा है। उसके दोस्त फूल्लो के चिकित्सक रुप सिंह ने एम 29 का सीमन उसकी भैंस में रखा था। जिसके बाद 3 नवंबर, 2016 को सवा नौ बजे कटड़ा हुआ।

जब कटडे़ का जन्म हुआ तो डॉक्टर ने कहा कि अब तुम्हारी किस्मत चमकेगी। लेकिन मैनें जवाब दिया कि ये तो कटड़ा है। इसकी अच्छी परवरिश की तो पहली बार इसे झज्जर में होने वाले पशु मेले में लेकर गया। वहां पर इसने पहला इनाम जीता। तब एक फौजी डॉक्टर ने कहा कि इसका नाम क्या है।

मैंने कहा कि नाम तो हमने कभी रखा नहीं। तब उन्होंने कहा कि मैं इसका नाम अनमोल रख दूं? मैंने सहमति दी। इसका नाम उस डॉक्टर ने ही रखा था। इसके बाद यह हमारे लिए अनमोल साबित हुआ।

सुबह- शाम करवाई जाती है सैर

जगतार सिंह ने बताया कि अनमोल की तंदरुस्ती के लिए उसे हर दिन सुबह- शाम पांच- पांच किलोमीटर की सैर करवाई जाती है। ताकि दिन भर जो वह खाता है उसे पचा सकें। साथ ही उसकी मालिश की जाती है।

रोजाना उस पर 1500 से 2000 रुपये भोजन पर खर्च होता है। सुबह उसे काजू, बादाम, केले, सेब, सोयाबीन, मक्की, छोले, चने खिलाए जाते हैं। दोपहर और शाम को बिनौले खिलाए जाते हैं।

तीन से चार लाख रुपये प्रति महीने कमाई

जगतार सिंह ने बताया कि अनमोल के सीमन से उसे हर माह तीन से चार लाख रुपये की कमाई होती है। सीमन का टीका 250 रुपये में बेचा जाता है।

पुष्कर मेले में जयपुर डेयरी संघ ने उनसे 1000 सीमन खरीदने की इच्छा जताई है। उनकी 30 नवंबर को मीटिंग है, जिसके बाद उन्हें ऑर्डर मिल जाएगा। अपने घर पर वे हर समय 1000 से 1500 सीमन हमेशा रखते हैं। इसके सीमन अब तक कई राज्यों के पशु पालक ले जा चुके हैं।

अपनी मां का आठवां कटडा था अनमोल

जगतार सिंह ने बताया कि अनमोल अपनी मां का आठवां कटड़ा था। इसके बाद नौवीं कटडी हुई। तत्पश्चात किसी ने उसे जहरीली दवा दी, जिसके बाद कोई भी कटड़ा-कटड़ी जिंदा नहीं बचे।

इसकी मां के नाम 25 किलो 121 ग्राम दूध का रिकॉर्ड रहा है। जबकि अनमोल से हुई कटड़ी का लैब में दूध मापा गया तो 21 किलो 6 ग्राम दर्ज किया गया।

25 करोड़ लगा चुका है कीमत

जगतार सिंह ने बताया कि अनमोल की ऊंचाई पांच फीट 8 इंच है। 13 फीट लंबाई और 1500 किलो वजन है। इसी पुष्कर मेले में गुजरात का एक विधायक अनमोल की कीमत 25 करोड़ रुपये लगा चुका है। लेकिन वह उसे बेचेगा नहीं। क्योंकि इसी की बदौलत उसका नाम हुआ है। यह उसके बेटे की तरह है। अनमोल की वजह से बड़े से बड़ा अधिकारी और नेता उसे देखने के लिए हमारे पास आता है।

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