कड़ाके की ठंड! पुरानी धूल खाती रोडवेज बसों में बनाया गया रैन बसेरा, मुसाफिरों के लिए लगाए गए बिस्तर
बीते पांच दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रात में ठंड अधिक होने से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो चुका है। मुसाफिरों के लिए बस स्टैंड रेलवे स्टेशन से दूर बना हुआ रैन बसेरा भी किसी काम नहीं आ रहा है जिसके चलते अब नगर परिषद ने रोडवेज की दो कंडम बसों को अस्थाई रैन बसेरा बनाकर बस स्टैंड और टाउन पार्क के पास खड़ा किया।
जागरण संवाददाता सिरसा। शीतलहर के कारण बीते पांच दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रात के समय ठंड अधिक होने के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो चुका है। मुसाफिरों के लिए बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से दूर बना हुआ रैन बसेरा भी किसी काम नहीं आ रहा है। जिसके चलते अब नगर परिषद ने रोडवेज की दो कंडम बसों को अस्थाई रैन बसेरा बनाकर बस स्टैंड और टाउन पार्क के पास खड़ा किया है। जिसमें मुसाफिरों के लिए बिस्तर भी लगाए गए है।
रात के समय ठंड अधिक होने के कारण मुसाफिरों को पूरी रात बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर ही खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ती है। नगर परिषद की ओर से शहर के डीसी पार्क के पास बनाए गए रैन बसेरा में 30 से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। लेकिन दूरी अधिक होने के कारण यहां पर मुसाफिर नहीं पहुंच पाते। ऐसे में अब नगर परिषद ने रोडवेज की सहायता से दो बसों की सीटों को निकाल उन्हें अस्थाई रैन बसेरा में बदला है। इन बसों में आठ-आठ बिस्तर लगाए गए है। ताकि मुसाफिर इन अस्थाई रैन बसेरा में आकर ठंड से खुद का बचाव कर सके । हालांकि बीते वर्ष भी नगर परिषद की ओर से दो अस्थाई रैन बसेरे बनाए गए थे। जिससे बेघर लोगों को काफी राहत मिली थी।
मंगलवार को भी नाम मात्र निकली धूप, नहीं मिली ठंड से राहत
जिले में बीते पांच दिनों से हाड कंपकपा देने वाली ठंड पड़ रही है। सूर्यदेव के दर्शन न होने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। मंगलवार दोपहर दो बजे के करीब कुछ समय के लिए धूप निकली। लेकिन इसके बाद ही स्थिति वैसी ही बन गई और लोग ठंड से परेशान होते रहे। जिले में मंगलवार को अधिकतम तापमान 12 डिग्री व न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री दर्ज किया गया है। मौसम विशेषज्ञ अनुसार वीरवार के बाद मौसम में बदलाव होगा। जिसके बाद ठंड से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।रेलवे स्टेशन पर अभी नहीं कोई व्यवस्था, परेशान होते हैं यात्री
सिरसा रेलवे स्टेशन पर अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। रेलवे स्टेशन पर खुले में ही रात को यात्री समय निकालने को मजबूर हो रहे हैं। बता दे कि रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण करने के लिए रेलवे की ओर से उसे उखाड़ा गया है। यहां पर पहले रेलवे के बरामदे में यात्री रात के समय आराम करते हुए नजर आते थे। अब व शेड व दीवार के साथ लग बैठे हुए नजर आते हैं।
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