Narnaul School Bus Accident: अवकाश होने के बावजूद खोल रखा था स्कूल, कनीना हादसे के बाद जानें क्या हुआ
आज ईद की विद्यालयों में छुट्टी होने के बाद भी सिरसा जिले के कुछ स्कूल खुले हुए थे। लेकिन जैसे ही नारनौल में स्कूली बस के साथ दर्दनाक हादसा हुआ। ठीक उसके बाद सरकार ने छुट्टी के बाद भी प्रदेश में खुले स्कूलों की एक रिपोर्ट मांगी। बस क्या था। इसके बाद खुले हुए स्कूलों में भगदड़ मच गई। आनन-फानन में स्कूल को बंद कर सबको भागना पड़ा।
संवाद सहयोगी, डबवाली। (Narnaul Bus Accident Hindi News) गुरुवार को अवकाश के बावजूद निजी स्कूल खुले हुए थे। कनीना में स्कूल बस हादसा होने के बाद हरियाणा सरकार ने अवकाश के दौरान खुले स्कूलों की रिपोर्ट मांगी तो हड़कंप मच गया। निजी स्कूल एकाएक बंद होने लगे। आनन-फानन में बच्चों को स्कूल वैन या बसों में भरकर रवाना कर दिया गया।
वहीं बीईओ कार्यालय ने अवकाश में खुले स्कूलों के आंकड़े जुटाने शुरु कर दिए। पता चला कि 18 कलस्टरों में चल रहे 60 निजी स्कूलों में पांच खुले हुए हैं। बीईओ कार्यालय से मिली रिपोर्ट के मुताबिक गांव देसूजोधा के दो, गांव कालुआना में दो तथा गोरीवाला में एक निजी स्कूल खुले होने की जानकारी मिली है। वहीं हादसे के बाद शिक्षा विभाग अलर्ट हो गया है।
बताया जाता है कि बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर शिक्षा विभाग के निदेशक ने शुक्रवार को वीसी बुलाई है। इसकी पुष्टि कार्यकारी बीईओ लक्ष्मण दास नाहर ने की है। उनका कहना है कि अवकाश में खुले स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है। डीइओ के दिशा-निर्देश के बाद कार्रवाई की जाएगी।ठेके पर दौड़ रही बसें, बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ हो रहापूर्व ट्रांसपोर्टर तथा डबवाली (Sirsa News) अग्निकांड पीड़ित संघ के प्रवक्ता विनोद बांसल ने कनीना की घटना पर दुःख जताते हुए कहा कि स्कूलों की बसें ठेके पर दौड़ रही हैं।
अधिकतर बसों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है। एक अकेले स्कूल के पास 45 बसें हैं। फीटर रेहड़ों पर बच्चों को बुलाया जा रहा है। स्कूल वाहनों का हरियाणा पैसेंजर टैक्स माफ है। इसके बावजूद शासन तथा प्रशासन की मिलीभगत से अनफिट वाहनों को दौड़ाया जा रहा है। बहुत बड़ा ट्रांसपोर्ट माफिया काम कर रहा है। बच्चों के अभिभावकों से मोटी फीस लेकर उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है।यह भी पढ़ें: महेंद्रगढ़ स्कूल बस हादसा: परिवहन मंत्री ने स्कूल पर लगाए कई गंभीर आरोप, बोले बस पर लगा था 15000 रुपये का जुर्माना
मोटर व्हीकल पॉलिसी के तहत 10 साल पुराने डीजल वाहन प्रयोग में नहीं लाए जा सकते। लेकिन डबवाली में सीमावर्ती स्कूलों पर कोई नकेल नहीं है। नियम है कि वाहन में हेल्पर होना चाहिए। वह भी नहीं होता। आखिर बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ कब तक करेगा प्रशासन? उन्होंने सवाल किया कि क्या कनीना बस हादसे के बाद प्रशासन जागेगा या फिर कुछ दिन की कार्रवाई के बाद चादर तानकर सो जाएगा।
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