Cyber Crime: डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर साइबर क्राइम कर रहे ठग, आजमा रहे ये पैंतरा; पुलिस ने बताए ये तरीके
हरियाणा में साइबर अपराध के लिए काफी चर्चित हैं। यहां पर आए दिन लोग तरह-तरह के साइबर अपराध के शिकार होते हैं। वहीं इस समय ठग सरकारी एजेंसियों यानी डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। वहीं पुलिस ने इस अपराध से बचने के लिए फर्जी लिंक पर क्लिक और सजग रहने की बात कही है।
जागरण संवाददाता, सिरसा। डिजिटलाइजेशन के जमाने में साइबर अपराधी रोजाना नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को साइबर ठगी का शिकार कर रहे है। साइबर अपराधी लोगों को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर साइबर ठगी कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने साइबर क्राइम बारे जागरुक करते हुए कहा कि आमजन को पता होना चाहिए कि डिजिटल अरेस्ट क्या है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी सरकारी एजेंसियों के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे है, इसी को डिजिटल अरेस्ट का नाम दिया गया है।
सरकारी एजेंसियों के नाम पर कर रहे साइबर ठगी
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दरअसल, साइबर ठग अब सरकारी एजेंसियों के नाम पर लोगों को डरा धमकाकर रुपये ऐंठने का काम रहे हैं। साइबर ठग अब पुलिस अधिकारी, सीबीआई, नारकोटिक्स विभाग, रिजर्व बैंक, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों के नाम पर ब्लैकमेल और डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देकर लोगों से वसूली को अंजाम दे रहे हैं।पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आधुनिकता व डिजिटलाइजेशन के इस दौर में साइबर ठगी से बचने के लिए अपने आप को सावधान व सतर्क रखें, क्योंकि सावधानी व सतर्कता ही साइबर ठगी से बचने का बेहतर उपाय है।
ऐसे देते साइबर ठगी को अंजाम
पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने कहा कि साइबर ठग अक्सर मोबाइल फोन के जरिए लोगों से वीडियो कॉल से कॉल कर नकली पुलिस अफसर बनकर अलग-अलग नंबरों पर बात कराई जाती है। फिर जमानत के नाम पर ओटीपी मांग लिया जाता है तथा नागरिक डर जाते हैं और अपने बैंक खातों संबंधी जानकारी साइबर ठग को बता देते हैं और साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं।ये भी पढ़ें: Haryana News: मोटा दहेज देकर हुई थी शादी, पति निकला समलैंगिक; नवविवाहिता ने हंगामा खड़ा कर उठाया बड़ा कदम
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