Sonipat: पानीपत में तैनात ASI ऋषिपाल की गोली मारकर हत्या, सोनीपत में पुलिस सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
पानीपत में तैनात हरियाणा पुलिस के एएसआई ऋषिपाल का सोमवार को उनके पैतृक गांव खानपुर खुर्द में साढ़े चार बजे पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। रविवार को ऋषि की करनाल में सात गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। एएसआई का शव रविवार को करनाल के सदर थाना क्षेत्र के बुड़नपुरा क्षेत्र की पश्चिमी यमुना नहर किनारे मिला था।
गोहाना, जागरण संवाददाता। पानीपत में तैनात हरियाणा पुलिस के एएसआई ऋषिपाल का शव सोमवार शाम लगभग चार बजे उनके पैतृक गांव खानपुर खुर्द लाया गया। इसके बाद साढ़े चार बजे पुलिस सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। एएसआई का शव गांव पहुंचते ही मातम पसर गया।
सात गोलियां पर मारकर हत्या
स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। ऋषिपाल अपने पूरे परिवार का सहारा थे। उनके दोनों भाइयों समेत पूरा परिवार स्तब्ध है। गांव खानपुर खुर्द के ऋषि हरियाणा पुलिस में पानीपत में एएसआई के पद पर कार्यरत थे। रविवार को ऋषि की करनाल में सात गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। एएसआई ऋषिपाल का शव रविवार को करनाल के सदर थाना क्षेत्र के बुड़नपुरा क्षेत्र की पश्चिमी यमुना नहर किनारे मिला था।
शव को देखने के बाद आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके पर करनाल के साथ पानीपत पुलिस भी मौके पर पहुंची। पानीपत एसपी अजित सिंह शेखावत ने बताया कि फिलहाल इस मामले में 174 की कार्रवाई की गई है।
एक युवक को हिरासत में लिया गया
इस मामले में सीआईए-2 ने पानीपत के एक युवक को हिरासत में लिया है। करनाल की सदर थाना पुलिस को रविवार सुबह बुड़नपुर के पास पश्चिमी यमुना नहर के पास एक शव होने की सूचना मिली। पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची।
सोमवार को हुआ पोस्टमार्टम
इसके बाद सोमवार को उनके शव का वहां पोस्टमार्टम करवाया गया। पोस्टमार्टम काफी देर तक चला। शाम लगभग चार बजे उनके शव को पैतृक गांव लाया गया। शव गांव पहुंचते ही मातम पसर गया। शाम साढ़े चार बजे उनका पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
परिवार को मुख्य सहारा थे ASI ऋषिपाल
अंतिम संस्कार में पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि ऋषि शांत स्वभाव के थे और हमेशा दूसरों की सहायता के लिए तैयार रहते थे। ऋषि अपने परिवार के साथ 10-12 साल से गोहाना में जींद रोड के निकट किराये के मकान में रह रहे थे। उनकी पत्नी सरिता शिक्षक है। बेटा युद्धवीर आईआईटी, बेटी नीतिका आईएएस की तैयारी कर रही है।
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छोटी बेटी रीतिका नौवीं कक्षा में पढ़ रही है। उनके पिता चंद्रहास का स्वर्गवास हो चुका है। भाई रामकरण और बलकार भी उनके साथ ही रहते थे। वे परिवार का मुख्य सहारा थे। ऋषि की मौत के बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है।
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