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Lok Sabha Election 2024: 10 साल में भाजपा ने हरियाणा में कैसे बदला चुनावी गणित? कांग्रेस का ये रिकॉर्ड भी तोड़ा, देखें रोचक आंकड़े

हरियाणा में पहले भाजपा ने हमेशा दूसरे दलों के सहारे जमीन तलाशने की कोशिश की। मगर 2014 से यहां तस्वीर बदली। 10 साल में भाजपा हरियाणा में अपने दम पर उभरी और कई रिकॉर्ड भी बना डाले। 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर कब्जा किया। मतों के लिहाज से भी अहम मुकाम हासिल किया।

By Paramjeet Singh Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 25 Mar 2024 11:37 AM (IST)
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भाजपा ने हरियाणा में 2019 में बनाया था सर्वाधिक मत पाने का रिकॉर्ड।
परमजीत सिंह, गोहाना। भारतीय जनता पार्टी को शुरुआत में हरियाणा की धरती पर लोगों के मत लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता था। कई बार भाजपा ने अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ा लेकिन परिणाम अच्छा नहीं रहा। 10 वर्ष पहले तक भाजपा को हरियाणा में चुनाव लड़ने के लिए बार-बार दूसरे राजनीतिक दलों का सहारा लेना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जब से लहर चली, तब से हरियाणवी भाजपा की झोली मतों से भरने लगे।

सबसे अधिक मत पाने का रिकॉर्ड इस दल के नाम

किसी अकेले राजनीति दल को सर्वाधिक मत पाने का रिकॉर्ड भी भाजपा के नाम दर्ज हो गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अकेले चुनाव लड़कर 58.2 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। इस चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के सर्वाधिक मत हासिल करने के 35 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा था। इससे पहले 1984 में कांग्रेस ने हरियाणा में अकेले 54.9 प्रतिशत वोट प्राप्त किए थे।

1984 में कांग्रेस ने जीती थी सभी 10 सीटें

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी। आपातकाल की समाप्ति के बाद 1977 में कांग्रेस का सामना करने के लिए जनसंघ और अन्य दलों का जनता पार्टी में विलय हो गया था। 1980 में जनता पार्टी विघटित हो गई और पूर्व जनसंघ के पदचिह्नों को पुनर्संयोजित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अस्तित्व में आई। इसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा में सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस को उस समय हरियाणा में 54.9 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि भाजपा मात्र 7.5 प्रतिशत मत लेकर चौथे स्थान पर रही थी।

1989 में तीसरे स्थान पर रही भाजपा

इसके बाद 1989 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 46.1 प्रतिशत मत लिए, जबकि जनता दल 38.9 प्रतिशत मत के साथ दूसरे व 8.3 प्रतिशत मत के साथ भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। उसके बाद कुछ चुनाव में भाजपा की स्थिति में सुधार जरूर हुआ लेकिन हरियाणा में कई बार दूसरे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना पड़ा।

जब भाजपा-इनेलो गठबंधन ने किया कमाल

1999 में जब हरियाणा में कांग्रेस सभी सीटें हारी थी, उस समय भी उसका मत शेयर सबसे अधिक था। इस चुनाव में भाजपा-इनेलो गठबंधन ने सभी सीटें जीती थीं। भाजपा को इस चुनाव में 29.2 प्रतिशत मत मिले थे। 2004 और 2009 के चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत इससे भी कम हो गया था।

2014 में भाजपा पहले स्थान पर पहुंची

नरेन्द्र मोदी की लहर में भाजपा ने हरियाणा में 2014 में फिर से वापसी की। इस चुनाव में भाजपा अन्य दलों की तुलना में पहली बार मत प्रतिशत में हरियाणा में पहले स्थान पर रही। इस चुनाव में भाजपा ने अकेले 34.8 प्रतिशत मत हासिल करके सात सीटों पर जीत दर्ज की। 2019 के चुनाव में भाजपा ने हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ते हुए सर्वाधिक मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड बनाया।

इस चुनाव में पार्टी ने सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज की और 58.2 प्रतिशत मत हासिल किए। इससे पहले 1977 में हरियाणा में भारतीय लोकदल ने सभी सीटों पर जीत दर्ज करते हुए 70.3 प्रतिशत मत लिए थे, लेकिन यह चुनाव जनता पार्टी और भारतीय लोकदल के गठबंधन में लड़ा गया था।

चुनाव
कांग्रेस मत प्रतिशत
भाजपा मत प्रतिशत
1984 54.9 7.5
1989 46.1 8.3
1991 37.2 10.2
1996 22.6 19.7
1998 26 18.9
1999 34.9 29.2
2004 42.1 17.2
2009 41.8 12.1
2014 23 34.8
2019 28.5 58.2
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