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Sonipat: नेशनल गेम्स में तलवारबाजी के मैच में छत्तीसगढ़ की धांधली, हरियाणा की आपत्ति गायब होने की होगी जांच

Sonipat News हरियाणा की टीम ने मैच शुरू होने से पहले ही लिखित में आपत्ति दायर की थी। इसके लिए हरियाणा से एक हजार रुपये की प्रोटेस्ट फीस भी ली गई साथ ही इसकी रसीद दी गई थी। अब इस मामले की जांच की जाएगी।

By Nand kishor BhardwajEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Sun, 20 Nov 2022 11:38 AM (IST)
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Sonipat: नेशनल गेम्स में तलवारबाजी के मैच में छत्तीसगढ़ की धांधली
सोनीपत, जागरण संवाददाता। नेशनल गेम्स में तलवारबाजी के मैच में छत्तीसगढ़ की धांधली के खिलाफ हरियाणा की आपत्ति के के ज्यूरी तक न पहुंचने के मामले की भी जांच होगी। पूरी प्रक्रिया फालो करने के बाद दी गई हरियाणा की लिखित आपत्ति ज्यूरी तक पहुंची ही नहीं। हरियाणा को प्रोटेस्ट मनी की रसीद तो दी गई लेकिन आपत्ति की रिसीविंग नहीं दी गई। हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी इसकी भी जांच करेगी।

सितंबर-अक्टूबर में हुए नेशनल गेम्स में तलवारबाजी मैच में छत्तीसगढ़ ने नियमों तोड़ते हुए मणिपुर के दो खिलाड़ियों को खिलाते हुए कांस्य पदक जीता था।हरियाणा के खिलाड़ियों ने इसके खिलाफ आब्जेक्शन उठाया था। हरियाणा ने मैच शुरू होने से पहले इसके खिलाफ फीस के रूप में एक हजार रुपये जमा कराते हुए लिखित में टूर्नामेंट मैनेजर भारतजी ठाकुर को आब्जेक्शन दायर किया था।

हरियाणा के खिलाड़ियों ने इसका एक वीडियो भी बनाया, उस वीडियो में खिलाड़ी लिखित शिकायत भारतजी ठाकुर को देकर रिसीविंग मांग रहे हैं लेकिन भारतजी ठाकुर ने रिसीविंग नहीं दी। हरियाणा के प्रोटेस्ट मनी की रसीद भी है। वहीं ज्यूरी के प्रमुख रमाशंकर प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके समक्ष हरियाणा की कोई आपत्ति नहीं आई। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि हरियाणा की लगाई गई आपत्ति ज्यूरी के सामने पहुंचने से पहले ही कहां गायब हो गई। अब उच्च स्तरीय कमेटी आपत्ति गायब होने की भी जांच करेगी।

25 प्रतिशत खिलाड़ी सर्विसेज के खिलाने का नियम

छत्तीसगढ़-हरियाणा के मैच में छत्तीसगढ़ ने अपनी चार खिलाड़ियों की टीम में दो खिलाड़ी मणिपुर के शामिल किए थे।वहीं नियम है कि चार सदस्यीय टीम में 25 प्रतिशत खिलाड़ी सर्विसेज के खिलाने का नियम है, इस नियम के तहत एक खिलाड़ी बाहरी हो सकता था लेकिन छत्तीसगढ़ ने दो बाहरी खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया था।

भारतीय तलवारबाजी संघ के ज्यूरी प्रमुख व तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष रमाशंकर प्रसाद ने बताया कि अगर हरियाणा ने आपत्ति दर्ज कराई थी तो यह हमारे तक क्यों नहीं पहुंची।बीच में यह कहां पर गायब हो गई, यह जांच करवाई जाएगी। अब हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस से जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। अब हरियाणा को पूरा न्याय मिलेगा।

हरियाणा राज्य तलवारबाजी संघ के अध्यक्ष डॉ. मनु कपिला ने बताया कि पहले यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। हमने तो कमेटी बनाकर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन अब भारतीय तलवारबाजी संघ ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच कमेटी बना दी है।अब हमें निष्पक्ष न्याय की पूरी उम्मीद है।

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