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Haryana Election: 'टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई', कांग्रेस से बगावत कर मैदान में कद्दावर नेता; बताया किससे है मुकाबला

Haryana Vidhansabha Election कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इससे कांग्रेस को भीतरखात का खतरा है। इसी कड़ी में बरोदा विधानसभा क्षेत्र में डॉ. कपूर सिंह नरवाल कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है।

By Paramjeet Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 25 Sep 2024 02:15 PM (IST)
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उपचुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने समझाकर नामांकन वापस करवा दिया था। फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, सोनीपत। विधानसभा चुनाव में बरोदा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से डॉ. कपूर सिंह नरवाल टिकट के लिए प्रमुख दावेदार थे। चार साल पहले बरोदा के उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनको समझाकर नामांकन वापस कर करवा दिया था।

हुड्डा ने सबके बीच में कहा था कि अगले चुनाव में डॉ. नरवाल किंगमेकर होंगे। इस बार भी उनको टिकट नहीं दिया और निर्दलीय मैदान में उतर आए। डॉ. नरवाल से दैनिक जागरण के संवाददाता परमजीत सिंह ने विस्तृत बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:

बरोदा हलका में आप पर सभी पार्टियों की नजर थी। वादे करने के बाद आपको टिकट क्यों नहीं दिया?

बड़े नेताओं की सोच है कि केवल उनकी जय बोलने वाले ही विधायक बनें। इस बार कांग्रेस में टिकट वितरण में गड़बड़ हुई। जनभावनाओं के अनुसार टिकट न मिलने पर लोगों ने उनको खुद टिकट देकर विधायक बनाने का निर्णय लिया है।

किन मुद्दों को लेकर चुनाव में उतरे हैं। आपका विजन क्या है?

बरोदा पूरी तरह से ग्रामीण हलका है। यह विकास व रोजगार में पिछड़ा है। सभी ने लोगों से वोट तो लिए लेकिन काम नहीं किए। बड़ा सरकारी शिक्षण संस्थान खुलवाने, रोजगार के लिए उद्योग लगवाना ही उनका विजन है। पेयजल व बाढ़ के पानी की निकासी का समाधान प्राथमिकता रहेगी।

अब एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगने शुरू हो गए और मुख्य मुद्दे पीछे छूट रहे हैं। इस पर क्या कहेंगे?

मैंने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया, दूसरे क्या कहते हैं मुझ पर कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरा तो एक ही मुद्दा व लक्ष्य है और वह है पूरे हलका का चंहुमुखी विकास और जनसमस्याओं का समाधान करवाना।

आपकी नजरों में क्षेत्र की पांच बड़ी प्रमुख समस्याएं कौन सी हैं? इनका समााधन कैसे कराएंगे?

पेयजल, वर्षा के बाद फसलों में जलभराव, उच्चतर शिक्षा के लिए शिक्षण संस्थान, उद्योग न होने से बेरोजगारी और ग्रामीण क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट की बेहतर व्यवस्था नहीं है। जब लोग उनको विधानसभा भेजेंगे तो सरकार को ये काम करने के लिए मजबूर करूंगा।

आपको लोग वोट क्यों दें? दूसरों को क्यों नहीं?

मेरे सामने जो चुनाव लड़ रहे हैं उनको पहले लोगों ने देख लिया है। अगर वे काम करवाते तो अब किसी के सामने झोली नहीं फैलानी पड़ती। मुझे पूरे क्षेत्र की समस्याओं का पता है और लोगों को भरोसा है मैं काम करवा सकता हूं।

आपका मुकाबला किससे और क्यों है?

मेरा किसी से मुकाबला नहीं है। जिसका चुनाव लोग लड़ते हैं वहां मुकाबला नहीं होता। मतदाता अपने विवेक से दूसरे प्रत्याशियों से विमुख हो जाते हैं।

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