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Delhi-Katra Expressway: दिल्ली कटरा एक्सप्रेस-वे का 65 फीसदी काम पूरा, छह महीने बाद भर सकेंगे फर्राटा

Delhi-Katra Expressway News एनएचएआइ द्वारा इसे 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है। जिससे कटरा तक पहुंचने में केवल छह घंटे का समय लगेगा। जबकि अभी दस घंटे तक का समय लग रहा है। इस एक्सप्रेस वे के बनने का सबसे बड़ा फायदा माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को होगा।

By Edited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 11 Sep 2023 08:24 AM (IST)
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दिल्ली कटरा एक्सप्रेस-वे का 65 फीसदी काम पूरा, छह महीने बाद भर सकेंगे फर्राटा
सोनीपत [निरंजन कुमार]। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत खरखौदा से सटे झज्जर के गांव जसोरखेड़ी से शुरू होने वाले दिल्ली कटरा ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण तेजी से चल रहा है। सोनीपत जिले में इस एक्सप्रेस वे के पैकेज एक और पैकेज दो का 65 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

छह महीने के इंतजार के बाद वाहन इस पर फर्राटा भर सकेंगे। मार्च 2024 तक जम्मू और जून 2025 तक कटरा तक इसे पूरा किया जाना है। एनएचएआइ द्वारा इसे 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है। जिससे कटरा तक पहुंचने में केवल छह घंटे का समय लगेगा। जबकि अभी दस घंटे तक का समय लग रहा है।

फिलहाल इसे चार लेन का बनाया जा रहा है, लेकिन दोनों लेन के बीच में 20 मीटर की जगह खाली छोड़ी गई है, ताकि भविष्य में इसे आठ लेन तक का बनाया जा सके। खास बात ये है कि विदेशों की तर्ज पर यहां एमेनेटिज हब बनाए जाएंगे। जहां खानपान, वाहन रिपेयरिंग, पेट्रोल पंप पर सीएनजी और ईवी चार्जिंग तो होगी ही, साथ ही रेस्ट रूम की भी सुविधा होगी।

यानी रात को नींद की झपकी आने पर ठहरने की व्यवस्था भी होगी। इसके अलावा इमरजेंसी सहायता के लिए एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, ट्रामा सेंटर और ट्रैफिक पुलिस की टीमें 24 घंटे मौजूद रहेंगी।

सोनीपत जिले में तीन जगह इस तरह के एमेनेटिज हब बनाए जा रहे हैं। इनमें पहला रूखी, दूसरा नूरनखेड़ा और तीसरा छाबड़ी गांव के पास बनेगा। इस एक्सप्रेस वे के बनने का सबसे बड़ा फायदा माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को होगा।

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दिल्ली-हरियाणा को ये फायदा

  • 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार, छह घंटे में कटरा पहुंच जाएंगे
  • दिल्ली वाया सोनीपत एनएच 44 पर वाहनों का दबाव कम होगा
  • चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू कश्मीर के लिए नया रास्ता मिलेगा।
  • सोनीपत में पांच जगह पर ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी।
  • निर्माणाधीन आइएमटी खरखौदा की उत्तर भारत के लिए सीधा रास्ता।

नंबर गेम

-39 हजार करोड़ रुपये पूरे प्रोजेक्ट की लागत

-14 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ है

-05 हजार एकड़ हरियाणा की जमीन अधिग्रहित

-21 पैकेज में बन रहा है एक्सप्रेस वे

-14 रेलवे ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं

-31 इंटरचेंज होंगे

-11 बड़े फ्लाईओवेर बन रहे हैं

हरियाणा में पांच पैकेज

1. केएमपी एक्सप्रेसवे के जसौर खेड़ी से रुखी गांव तक रोहतक-पानीपत रोड एनएच 709 तक (0 से 34 किमी)

2. रुखी गांव एनएच 709 से गंगाना के पास जींद पानीपत रोड एनएच352ए के साथ जंक्शन तक (34 से 60.800 किमी)

3. गंगाना गांव के पास जींद-पानीपत रोड एनएच 352ए से जींद करनाल रोड एनएच 709ए (60.800 से 91.400 किमी)

4. अलेवा में एनएच 709ए से खरक पांडवा गांव के पास अंबाला कैथल हिसार रोड एनएच 152 तक(91.400 से 120.250 किमी)

5 एनएच 152 जंक्शन से पटियाला समाना पातड़ा रोड स्टेट हाईवे 10 तक (120.250 से 157.920 किमी)

ये है प्रोजेक्ट

हरियाणा क्षेत्र के साइट इंजीनियर विक्रम कुमार ने बताया कि पूरे प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 670 किमी की है। इसमें से मुख्य एक्सप्रेसवे 570 किमी का है, जो जसोरखेड़ी से गुरदासपुर तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 397.712 किमी और गुरदासपुर से कटरा तक ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे 172.288 किमी लंबा होगा। इसके साथ ही नकोदर से अमृतसर तक ग्रीनफील्ड स्पर 99 किमी का होगा।

पैकेज एक और दो पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसका 65 फीसदी काम पूरा हो चुका है। डेढ़ सौ किमी से ज्यादा के इस हिस्से को मार्च 2024 के बाद वाहनों के लिए खोलने का लक्ष्य रखा है। दिल्ली कटरा ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेस वे पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चल सकेंगे।

गजेंद्र सिंह, मैनेजर, एनएचएआइ

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