टिकट नहीं मिलने से नाराज कद्दावर नेता ने BJP को दिया झटका, FB पर लाइव आकर हुए भावुक; फिर ले लिया बड़ा फैसला
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। गन्नौर विधानसभा सीट से टिकट के दावेदार देवेंद्र कादियान ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने फेसबुक पर लाइव आकर पार्टी से इस्तीफे का एलान किया और भाजपा पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया है। कादियान ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
संवाद सहयोगी, गन्नौर। गन्नौर विधानसभा से भाजपा को जोर का झटका लगा है। भाजपा से टिकट के प्रयास में कई सालों से लगे देवेन्द्र कादियान ने टिकट कटने की आहट से भाजपा को अलविदा कह दिया है। देवेंद्र कादियान भारतीय कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने फेसबुक पर लाइव आकर पार्टी छोड़ने की एलान किया। इस दौरान वह भावुक भी नजर आए। साथ ही उन्होंने भाजपा से टिकट ला रहे नेता पर टिकट खरीदने के आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। अब वह 12 अक्टूबर को नई अनाज मंडी में कार्यकर्ताओं के साथ जनसभा करेंगे और उसके बाद अपना नामांकन जमा कराएंगे।
प्रदेशाध्यक्ष ने किया था कार्यालय का उद्घाटन
लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने देवेंद्र कादियान के चुनावी कार्यालय का उद्घाटन किया था। उस दौरान प्रदेशाध्यक्ष ने लोगों से देवेंद्र कादियान के हाथ मजबूत करने की अपील भी की थी।
उनके संकेत के बाद देवेंद्र कादियान की टिकट गन्नौर से लगभग तय मानी जा रही थी, लेकिन अब टिकट कटने की आहट के बीच उन्होंने पार्टी को छोड़ आजाद चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
कई वर्षों से राजनीति व समाज सेवा में सक्रिय
कादियान पिछले कई सालों से राजनीति में सक्रिय हैं और लंबे से समय से लगातार समाजसेवी कार्यों से जुड़े रहने की वजह से अपनी अलग पहचान बनाई है। देवा सोशल वेलफेयर सोसायटी के माध्यम से वह खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में विभिन्न समाजसेवा के कार्य कर लोगों की मदद कर रहे हैं। उनका शुरू से ही खेलों से बेहद लगाव रहा है और होनहार खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में इनका बड़ा ही अहम योगदान रहता है।
उन्होंने पहली बार ही भारतीय कुश्ती संघ में वरिष्ठ उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें जीत मिली। कादियान मन्नत ग्रुप होटल्स के चेयरमैन हैं। उन्होंने राजनीति की शुरूआत युवा कांग्रेस में की।
वे राहुल गांधी के करीबी रहे हैं। युवा कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। 2018 में भूपेंद्र हुड्डा से नाराजगी के बाद कांग्रेस छोड़ कर उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली थी। तब वे भाजपा में टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन भाजपा ने टिकट निर्मल चौधरी को दे दी।