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दिल्ली में डीजल ट्रकों की एंट्री बंद, ग्रेप-4 की पाबंदिया लागू; प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए प्रशासन सख्त

ग्रेप-4 की पाबंदियां लागू होने के साथ ही दिल्ली में डीजल से चलने वाले भारी वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। पिछले एक सप्ताह से जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले पखवाड़े सोनीपत दो बार देश में सबसे प्रदूषित शहर बन चुका है। सोमवार को भी जिले में एक्यूआई 400 के आसपास दर्ज किया गया।

By Ashish MudgilEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Mon, 06 Nov 2023 10:03 PM (IST)
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दिल्ली में डीजल ट्रकों की एंट्री बंद, ग्रेप-4 की पाबंदिया लागू
जागरण संवाददाता, सोनीपत। ग्रेप-4 की पाबंदियां लागू होने के साथ ही दिल्ली में डीजल से चलने वाले भारी वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है। सोमवार सुबह कुंडली थाने के सामने सर्विस लेन पर बड़ी संख्या में ट्रक खड़े थे, जब कुंडली थाना पुलिस ने चालकों से वहां खड़े होने का कारण पूछा तो चालकों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं करने और अपने वाहन बॉर्डर से दूर सर्विस लेन पर खड़े करने को कहा है ताकि जाम की समस्या उत्पन्न न हो।

एक सप्ताह से बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर 

सोमवार सुबह से शाम तक वाहन सुचारु गुजरते रहे। पिछले एक सप्ताह से जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले पखवाड़े सोनीपत दो बार देश में सबसे प्रदूषित शहर बन चुका है। सोमवार को भी जिले में एक्यूआई 400 के आसपास दर्ज किया गया।

प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन प्रदूषण के स्रोत्र बढ़ते जा रहे हैं। सुबह दिन निकलते ही पूरा शहर स्माग की चादर में लिपटा नजर आता है। ये स्माग दोपहर तक बना रहता है।मौसम विज्ञानी बता रहे हैं कि जब तक हवा नहीं चलेगी तब तक प्रदूषण का स्तर ऐसा ही बना रहने की आशंका है।

कूड़ा और पराली जलाने पर नहीं लग रही रोक

जिलेभर में पराली और कचरा जलाने पर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है। इससे सबसे अधिक प्रदूषण फैल रहा है। कचरा बीनने वाले ही कूड़े में आग लगाकर फरार हो जाते हैं।सूचना पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं लेकिन वहां कोई नहीं होता। राई में कूड़े में लगाने की सूचना के बाद जब अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वहां कोई नहीं था। एक फैक्ट्री के सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो कचरा बीनने वाले ही उसमें आग लगाते नजर आए।

प्रदूषण के स्रोत्रों की लगातार निगरानी की जा रही है। धूल उड़ने वाली साइटों पर लगातार पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। अधिकारी रात में भी औद्योगिक क्षेत्रों की निगरानी करते हैं, जो फैक्ट्रियां प्रदूषण फैलाती मिलेंगी उन्हें बंद कराने की सिफारिश की जाएगी। बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में दो फैक्ट्रियां बंद कराई जा चुकी हैं। - प्रदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण विभाग

पराली जलाने से रोकने को कर्मचारी नियुक्त

उपायुक्त डा. मनोज कुमार ने बताया कि जिला में पराली में आग लगाने के मामलों की रोकथाम के लिए सभी उपमंडल क्षेत्रों में प्रत्येक खंड स्तर पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर प्रतिदिन की कार्रवाई की रिपोर्ट भी भेजने को कहा है। उपमंडल क्षेत्र सोनीपत में जिला वन संरक्षक विभाग में कार्यरत कर्मचारियों संदीप मोर, सुनील कुमार, रमेश कुमार, बिजेन्द्र, नरेश चन्द्र पाल, आशीष कटारिया, कृष्ण, विजय दहिया, संजीव, जितेन्द्र, अरुण, मनदीप, रोशन की ड्यूटी लगाई है।

वहीं उपमंडल क्षेत्र गन्नौर में पवन कुमार, हर्ष, आनंद सिंह, विशाल, दीपक, राहुल, मनमीत, राहुल वन रक्षक, कपिल, पुनीत व मोहित, उपमंडल गोहाना में राकेश कौर, नरेश कुमार, सुनील कुमार, महेन्द्र सिंह, अमित, विकास, कृष्ण कुमार, अजय, रोहित मलिक, कृष्ण व मुकेश, उपमंडल क्षेत्र खरखौदा में नरेश कुमार, भगत सिंह, राजसिंह, नवीन, पंकज, नरेन्द्र, सुधीर, राजपाल दहिया तथा अनिल की ड्यूटी लगाई गई है।

मिट्टी व रेत वाले भारी वाहनों को ढककर ले जाने के आदेश

अब मिट्टी व रेत भरकर ले जाने वाले भारी वाहनों को ढककर ले जाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई वाहन बिना तिरपाल के पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। निर्माण सामग्री रेत, बजरी, क्रेशर, मिट्टी से भरे वाहन जब बिना तिरपाल लगाए गुजरते हैं तो वातावरण प्रदूषित होता है।

एसडीएम डॉ. निर्मल नागर ने कहा कि ग्रेप नियमों के तहत कोई ढील नहीं बरती जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग क्षेत्रीय परिवहन प्राधीकरण को आदेश जारी कर दिए गए हैं। दोषी पाए जाने वाले भारी वाहनों के चालान काटने के साथ-साथ इंपाउंड भी किया जाएगा।

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सभी जिलों में छाया धूल का गुबार

कृषि विज्ञान केंद्र जगदीशपुर के मौसम विज्ञानी प्रेमदीप ने बताया कि हरियाणा के ज्यादातर क्षेत्रों में पिछले पांच दिनों से निचले स्तर पर धूल के गुब्बार जैसे बादल छाए हैं, जिससे प्रदूषित वातावरण बना हुआ है। इसका मुख्य कारण एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ जो पहाड़ों की तरफ बढ़ा है।

इस कारण धीमी गति से पुरवाई चलने से वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ने से धूल तथा अन्य प्रदूषक तत्व निचले वातावरण में स्थित हैं। 10 नवंबर तक मौसम ऐसा ही रहने की संभावना है। आठ व नौ नवंबर को पूर्वी हवाएं चलने तथा आंशिक बादल चाल संभावित है। 10 नवंबर से फिर से उत्तरी व उत्तर पश्चिमी हवाएं मध्यम गति से चलने से प्रदूषण से राहत की उम्मीद है।

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