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क्या है वो मामला जिसमें कांग्रेस MLA सुरेंद्र पंवार की हुई गिरफ्तारी, ED ने छह महीने पहले भी की थी छापेमारी

अवैध खनन मामले में ईडी ने सोनीपत के कांग्रेसी विधायक सुरेंद्र पंवार को शुक्रवार को गुरुग्राम ऑफिस बुलाकर 14 पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद अंबाला कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें नौ दिन के रिमांड पर भेजा गया। ईडी की टीम ने छह महीने पहले चार जनवरी को भी सुरेंद्र पंवार के घर छापेमारी की थी।

By Nand kishor Bhardwaj Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 21 Jul 2024 07:46 AM (IST)
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कांग्रेसी विधायक सुरेंद्र पंवार को नौ दिन की रिमांड पर भेजा गया। फाइल फोटो- जागरण
नंदकिशोर भारद्वाज, सोनीपत। छह महीने पहले अवैध खनन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सोनीपत के कांग्रेसी विधायक सुरेंद्र पंवार के घर पर छापा मारा था। एक सप्ताह तक जांच के बाद ईडी के अधिकारियों ने कुछ दस्तावेज बरामद किए थे। इसके बाद से ईडी की टीम नोटिस भेजकर उन्हें छह बार तलब कर चुकी थी।

नौ दिन के रिमांड भेजा गया

शुक्रवार को भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, इसके बाद गुरुग्राम आफिस में करीब 14 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। रात में करीब तीन बजे उसे सोनीपत लाया गया और तड़के उन्हें अंबाला की कोर्ट में ले जाया गया। वहां पेश करने के बाद उन्हें नौ दिन के रिमांड पर ईडी की हिरासत में भेज दिया।

उनकी गिरफ्तारी की सूचना से शनिवार को शहर में हड़कंप मच गया। कांग्रेसी सांसद व विधायक उनकी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं। शहर में सुबह से ही लोग एक-दूसरे से फोन पर उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि करते रहे।

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यह था मामला

इसी वर्ष चार जनवरी को सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 स्थित आवास व अन्य स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापा मारा था। ईडी वर्ष 2013 में हुए अवैध खनन मामले में जांच कर रही थी।

विधायक के साथ ही उनके साझेदारों यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह व करनाल में भी छापे मारे गए थे। ईडी की टीम ने अवैध खनन से संबंधित दस्तावेजों की जांच की और कुछ को अपने कब्जे में लिया था। विधायक सुरेंद्र पंवार पर 25 करोड़ रुपये की मनी लान्ड्रिंग ट्रायल का मामला चल रहा है।

विधायक के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं। एक मामला ईडी की टीम ने जनवरी में दर्ज किया था। इसके बाद पूर्व विधायक दिलबाग सिंह व उनके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई थी।

हुड्डा व दीपेंद्र से नजदीकियों के चलते कार्रवाई की चर्चा

सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र का खास माना जाता है। सोनीपत में कांग्रेस पार्टी के मुख्य कार्यक्रमों के आयोजनों की जिम्मेदारी विधायक सुरेंद्र पंवार पर ही होती है।

इसके अलावा वे पार्टी के अभियानों व अन्य कार्यक्रमों में विशेष भूमिका निभाते हैं। पंवार उनकी कोर टीम के सदस्य हैं। कुछ समय पहले ही सुरेंद्र पंवार को प्रदेश सोशल मीडिया का प्रभार भी दिया गया था। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उन पर इसलिए कार्रवाई की गई है। कांग्रेसी इसका विरोध कर रहे हैं।

कोठी पर पसरा सन्नाटा

शनिवार सुबह सेक्टर-15 स्थित उनकी कोठी पर सन्नाटा पसरा रहा। सामान्य दिनों में सुबह से पंवार की कोठी पर मिलने वाला का जमावड़ा लग जाता था लेकिन शनिवार को नौ बजे तक भी वहां कोई नहीं था। कोठी का गेट बंद था। सिर्फ उनके कर्मचारी और ड्राइवर की मौजूद थे।

विधायक सुरेंद्र पंवार ने पिछले वर्ष गैंगस्टर के नाम पर धमकी मिलने की शिकायत दी थी। उन्होंने बाद में विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। इसके बाद वे काफी चर्चा में आए थे।

कांग्रेस में आने से पहले पंवार ने इनेलो की टिकट पर सोनीपत से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। तब वह कविता जैन से हार गए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में वे कविता जैन को हराकर विधायक बने थे।

सांसद व विधायकों ने विरोध जताया

सोनीपत से कांग्रेसी सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, विधायक जगबीर मलिक ,विधायक जयवीर बाल्मिकी, विधायक इंदुराज नरवाल ने आरोप लगाया कि विधायक सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी का समय ये साबित करता है कि यह सब राजनीतिक विरोधियों को बेवजह डराने-धमकाने का कुत्सित प्रयास है।

विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा की केंद्र सरकार के इशारे पर कांग्रेस के विधायकों पर ये कार्रवाई साबित करती है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भरपूर समर्थन मिलने के बाद भाजपा हताश व बेबस है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और आने वाले विधानसभा चुनाव में हरियाणा की जनता अपने वोट की चोट से इनको करारा जवाब देगी।

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