किसान नेताओं को सरकार के प्रस्ताव का इंतजार, करेंगे रेल चक्का जाम और राजस्थान में टोल फ्री
14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों की याद में देशभर में कैंडल मार्च व मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 16 फरवरी को किसान मसीहा छोटूराम की जयंती पर पूरे देश में एकजुटता दिखाई जाएगी और कार्यक्रम होंगे।
सोनीपत, संजय निधि। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने बुधवार को बैठक की। बैठक में यह बात भी उभर कर सामने आई कि प्रधानमंत्री की अपील के बाद बातचीत होनी चाहिए, लेकिन किसान संगठन इसके लिए सरकार की ओर से प्रस्ताव का आने का इंतजार कर रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है वे प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं। बैठक के बाद किसान नेताओं ने आंदोलन के अगले चरण का ऐलान भी किया। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 18 फरवरी को देशभर में रेल रोकने का आह्वान किया गया है।
कुंडली बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लगभग सभी जत्थेबंदियों व किसान संगठनों ने भाग लिया। करीब चार घंटे तक चली बैठक के बाद मोर्चा ने आंदोलन के अगले चरण के लिए चार नई रणनीति बनाई। इनमें सबसे अहम 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक पूरे देश में रेल का चक्का जाम करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा किसानों ने 12 फरवरी से राजस्थान में हरियाणा व पंजाब की तर्ज पर भी सभी नेशनल व स्टेट हाईवे के टोल फ्री कराए जाएंगे।
14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों की याद में देशभर में कैंडल मार्च व मशाल जुलूस निकाला जाएगा। 16 फरवरी को किसान मसीहा छोटूराम की जयंती पर पूरे देश में एकजुटता दिखाई जाएगी और कार्यक्रम होंगे। संयुक्त मोर्चा के सदस्य व किसान नेता डा. दर्शनपाल ने कहा कि सभी संगठनों को यह विशेष तौर पर हिदायत दी गई है कि वह चक्का जाम की तरह रेल रोको आंदोलन भी शांतिपूर्ण ढंग से करें और इसे सफल बनाएं, ताकि सरकार तक हमारी एकजुटता का संदेश जाए।
बैठक में भाकियू के राकेश टकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, रल्दू सिंह मानसा, जगजीत सिंह डल्लेवाल, युद्धबीर सिंह, रतन सिंह सरौत, ज्ञान सिंह चौहान, अरुण जैलदार सहित आंदोलन में शामिल सभी किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधि शामिल थे।