डिजिटल अरेस्ट मामला: यूके और चाइना से जुड़े ठगों के तार, हरियाणा पुलिस के लिए आगे की कड़ियां जोड़ना बना चुनौती
हरियाणा में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इस गिरोह के तार इंग्लैंड और चीन से जुड़ रहे हैं। ठगों के सरगना विदेश में बैठकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। ठग विदेशी IP एड्रेस का इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे थे। पुलिस ने गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
नंदकिशोर भारद्वाज, सोनीपत। देशभर में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी के गिरोह चलाने वाले सरगना इंग्लैंड (यूके) और चीन में बैठे हैं। गिरोह के सरगना चीन और यूके की आइपी ठगों को उपलब्ध करवा रहे हैं। गिरोह के शातिर देश में ही बैठकर चीन व यूके की आइपी से फोन कर लोगों से ठगी कर रहे हैं।
विदेश से कॉल कर हड़प रहे लोगों की कमाई
ऐसे गिरोह के सदस्य टेलीग्राम, स्काइप और वाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये डायरेक्ट विदेश से कॉल कर लोगों की खून-पसीने की गाढ़ी कमाई हड़प रहे हैं। ठगी गई करोड़ों रुपये की राशि को क्रिप्टो करंसी में कनवर्ट कर व अन्य माध्यमों के जरिये विदेश भेजा जा रहा है।
सोनीपत साइबर पुलिस ने कई राज्यों के नौ ठगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग लोगों को ठगने के लिए यूके व चाइना की आइपी की इस्तेमाल करते थे। अब पुलिस के लिए विदेश से गिरोह के ठगों को पकड़ना मुश्किल हो रहा है।
साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार ने बताया कि देशभर के राज्यों में रोजाना साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। शातिर ठग आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों की खून-पसीने की गाढ़ी कमाई को हड़प रहे हैं।गिरफ्तार किए आरोपितों ने बताया कि गिरोह के सदस्य टेलीग्राम, स्काइप और वाट्सएप जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के जरिये विदेश से सीधे कॉल कर ठगी कर रहे हैं।
पुलिस की जांच में इन ठगों का आइपी एड्रेस यूके और चीन का निकला लेकिन यह लोग देश के किसी राज्य में बैठकर लोगों को कॉल कर उनके साथ ठगी कर रहे हैं।ठग विदेशी आइपी एड्रेस का इस्तेमाल इसलिए करते हैं, ताकि पुलिस उन्हें गिरफ्तार न कर सके और वे लोगों को अपना शिकार बनाते रहें।
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