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Gohana Vidhan Sabha Result: गोहाना में पहली बार खिला कमल, डॉ. अरविंद शर्मा ने तोड़ी कांग्रेस की 19 साल की किलेबंदी

Gohana Assembly Election Result 2024 गोहाना विधानसभा चुनाव परिणाम 2024 में भाजपा ने पहली बार कमल खिलाया है। डॉ. अरविंद शर्मा ने कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक को 10429 वोटों से हराया। ब्राह्मणों के बड़े चेहरे डॉ. शर्मा को मंत्रिमंडल में भी जगह मिल सकती है। गोहाना से लगातार चार बार के विधायक जगबीर सिंह मलिक की हार हुई है।

By Paramjeet Singh Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 08 Oct 2024 10:16 PM (IST)
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गोहाना से जीत के बाद डॉ. अरविंद शर्मा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ जुलूस निकालते हुए।

परमजीत सिंह, गोहाना। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश में जहां स्पष्ट बहुमत से जीत दर्ज की वहीं गोहाना विधानसभा क्षेत्र में पहली बार कमल खिलाने में कामयाब रही। भाजपा से डॉ. अरविंद शर्मा कांग्रेस की 19 साल की किलेबंदी को तोड़कर गोहाना से विधायक बने।

डॉ. शर्मा 10,429 वोट के अंतर से चुनाव जीते। वे ब्राह्मणों के बड़े चेहरे हैं और उनको मंत्रिमंडल में भी जगह मिल सकती है। गोहाना से कांग्रेस से लगातार चार बार के विधायक जगबीर सिंह मलिक हार गए।

गोहाना सीट का इतिहास

हरियाणा 1966 में अस्तित्व में आया था, जिसके साथ ही गोहाना विधानसभा क्षेत्र भी अस्तित्व में आया। यहां पर 1967 से 2019 तक एक उप चुनाव समेत 14 बार विधानसभा चुनाव हुए। यहां पर कभी भाजपा अपना खाता नहीं खोल पाई थी। 2009 के चुनाव से पहले भाजपा की यहां बुरी हार होती थी।

2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा का गोहाना में प्रभाव जरूर बढ़ा था लेकिन जीत नसीब नहीं हुई थी। ऐसी ही स्थिति 2019 में भी रही। इन दोनों चुनावों में भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। गोहाना में भाजपा ने 2014 में पिछड़े वर्ग से रामचंद्र जांगड़ा और 2019 से जाट समुदाय से तीर्थ राणा को मौका दिया था।

2024 में भाजपा ने यहां पर ब्राह्मणों के मजबूत और बड़े चेहरे डॉ. अरविंद शर्मा को मैदान में उतारा गया। वे गोहाना से विधायक बने और भाजपा का कमल खिलाने में कामयाब रहे। उन्होंने कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक को हराया।

डॉ. अरविंद शर्मा की जीत के कारण

  • ब्राह्मण समाज का बड़ा और मजबूत चेहरा
  • गैर जाट वर्ग ने एकजुट होकर उनका साथ दिया
  • डॉ. शर्मा द्वारा सीधा संपर्क करने से उनको जाटों ने भी वोट दिए
  • निर्दलीय प्रत्याशी हर्ष छिक्कारा व राजबीर दहिया के मैदान में आने से जाटों के वोट बंटे
  • डॉ. शर्मा लोगों को तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने का विश्वास दिलाने में कामयाब रहे
  • भाजपा द्वारा बिना पर्ची खर्ची के नौकरी देने का फायदा मिला
  • शहर के मतदाताओं ने उनकी झोली भरी, गांवों में भी अच्छे वोट मिले
  • कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा मिला
  • भाजपा से टिकट के स्थानीय दावेदारों को मैनेज करने में कामयाब रहे

जगबीर सिंह मलिक की हार का कारण

  • लगातार लंबे समय तक विधायक रहने से एंटी इनकंबेंसी
  • टिकट के दूसरे दावेदार मायूस रहे और चुनाव में मेहनत नहीं की
  • जो टिकट मांग रहे थे वे बाद में कहीं नजर नहीं आए
  • ग्रामीण क्षेत्र में कांग्रेस का प्रभाव था, वहां से निर्दलीय हर्ष छिक्कारा व राजबीर दहिया ने काफी वोट लिए
  • चुनाव में प्रचार के दौरान गैर जाट के लोग साथ तो नजर आए लेकिन वोट कम मिले
  • निर्दलीयों के कारण जाट वोट बंटने से उनको नुकसान हुआ
  • गैर जाटों ने एकजुट होकर भाजपा के पक्ष में मतदान किया और जाटों ने भी कई जगह साथ दिया
  • चुनाव से पहले भ्रामक प्रचार करने से नुकसान हुआ

कब कौन बना विधायक

  • 1967- रामधारी गौड़ (कांग्रेस)
  • 1968- रामधारी गौड़ (कांग्रेस)
  • 1972- रामधारी गौड़ (कांग्रेस)
  • 1977- गंगाराम (कांग्रेस)
  • 1982- किताब सिंह मलिक (लोकदल)
  • 1987- किशन सिंह सांगवान (लोकदल)
  • 1991- किताब सिंह मलिक (निर्दलीय)
  • 1996- जगबीर सिंह मलिक (हविपा)
  • 2000- डॉ. रामकुंवार सैनी (इनेलो)
  • 2005- धर्मपाल सिंह मलिक (कांग्रेस)
  • 2008- जगबीर सिंह मलिक (कांग्रेस)
  • 2009- जगबीर सिंह मलिक (कांग्रेस)
  • 2014- जगबीर सिंह मलिक (कांग्रेस)
  • 2019- जगबीर सिंह मलिक (कांग्रेस)
  • 2024- डॉ. अरविंद शर्मा (कांग्रेस)
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