HBSE 10th Topper: रोजाना 6 घंटे करती पढ़ाई, बाधा आई तो मोबाइल का सहारा लिया; जानें टॉपर वर्षा की कहानी
HBSE 10th Topper हरियाणा में 10वीं कक्षा की परीक्षा में प्रदेश में गोहाना के गांव बलि ब्राह्मणन की वर्षा प्रदेश में पहले स्थान पर रही। वर्षा ने परीक्षा में अपनी तरफ से श्रेष्ठ किया जिसका उसका फल मिला।
गोहाना, जागरण संवाददाता। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा में प्रदेश में गोहाना के गांव बलि ब्राह्मणन की वर्षा प्रदेश में पहले स्थान पर रही। वर्षा ने परीक्षा में अपनी तरफ से श्रेष्ठ किया, जिसका उसका फल मिला। उसने टाइम टेबल बनाकर स्कूल से आने के बाद रोजाना छह घंटे तक पढ़ाई की और आज का काम कल पर कभी नहीं छोड़ा। साधारण परिवार से वर्षा आईपीएस बनना चाहती हैं।
आईपीएस इंटरव्यू के देखती वीडियो
उसने किसी भी विषय में जहां बाधा आई मोबाइल का इस्तेमाल किया। बार-बार यू-ट्यूब पर आईपीएस के इंटरव्यू सुनकर प्रेरणा लेते हुए मनोबल बढ़ाया। इंटरनेट मीडिया पर कभी समय बर्बाद नहीं किया और कोई अकाउंट भी नहीं है। गांव बलि ब्राह्मणन की वर्षा ने 498 अंक प्राप्त किए हैं और वे प्रदेश तीन टापरों में से एक हैं।
पिता प्राइवेट कंपनी में करते नौकरी
उनके पिता नवीन फरीदाबाद में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं और मां पूनम गृहिणी हैं। वे पड़ोस के गांव सिकंदरपुर माजरा के संत बाबा घोघर पब्लिक स्कूल की छात्रा हैं। मंगलवार को जब परिणाम घोषित हुआ और वर्षा को राज्य में टापर होने का पता चला तो वह भावुक हो गई।
रोजाना 6 घंटे करती पढ़ाई
उसने कहा कि वह साधारण परिवार है, लेकिन विश्वास था कि वह परीक्षा में खुद की तरफ से श्रेष्ठ देते हुए बहुत अच्छा करेंगी। वह रोजाना स्कूल से आने के बाद छह घंटे तक पढ़ाई करती। जब तक काम पूरा नहीं हो जाता बिस्तर पर सोने के लिए नहीं जाती थी। कई बार रात के 12 बज जाते तो मां सोने के लिए डांटती। वह थोड़ी देर और पढने की कहती तो मां जल्दी सोने को कहकर चली जाती।
परीक्षा का परिणाम आते ही उसके घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। स्कूल के एमडी चेतन शर्मा पूरे स्टाफ के साथ उनके घर मिठाई लेकर पहुंचे। पिता नवीन व मां पूनम ने कहा कि बेटी बहुत मेहनती है और परिवार को उस पर नाज है। स्वजन और ग्रामीणों ने उसे आशीर्वाद देते हुए कहा कि हमारी लाडली ने गांव का नाम रोशन कर दिया।
जहां भी संशय होता उसे कापी में नोट करती
वर्षा को जिस विषय में जहां भी संशय होता उसे कापी में नोट कर लेती थी। वह स्कूल जाकर शिक्षकों से विषय को समझकर अपने संशय को दूर करती। कई बार मोबाइल पर भी संशय को दूर कर लिया जाता। उसने ट्यूशन भी पढ़ा। वर्षा ने कहा कि उसे यकीन नहीं था कि स्टेट टापर बन जाएंगी लेकिन विश्वास था कि अपनी तरफ से श्रेष्ठ कर रही हूं तो अच्छा जरूर होगा। परिवार से उसे हर तरह का सहयोग मिला। परिवार साधारण होने के बाद पढ़ाई में किसी तरह की बाधा नहीं आने दी।