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Haryana Election 2024: हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, कद्दावर नेता ने पार्टी से दिया इस्तीफा

हरियाणा विधानसभा चुनाव पहले कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह और बगावत खुलकर सामने आ रही है। ताजा मामले में सोनीपत के विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे जयतीर्थ दहिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह टिकट न मिलने की वजह से नाराज चल रहे थे। उनके इस्तीफे के बाद अब राई में भीतरघात की स्थिति बन सकती है।

By Nand kishor Bhardwaj Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 24 Sep 2024 10:38 AM (IST)
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पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, सोनीपत। राई से दो बार विधायक रहे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास जयतीर्थ दहिया ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे को पार्टी के बना झटका माना जा रही है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को भेजा है। जयतीर्थ दहिया ने भूपेंद्र हुड्डा पर विश्वासघात और टिकट वितरण में सौदेबाजी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने राई के अलावा भी कई विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवार बनाए गए कांग्रेस नेताओं पर सवाल उठाए हैं।

जयतीर्थ दहिया वर्ष 2009 से 2014 व 2014 से 2019 तक राई से विधायक रहे हैं। जयतीर्थ दहिया वर्ष 2014 में राई विधानसभा चुनाव केवल तीन वोटों से जीते थे। विधायक रहते हुए दहिया ने भूपेंद्र हुड्डा के पक्ष में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने इस्तीफे की पेशकश की थी।

भूपेंद्र हुड्डा से नाराज चल रहे थे जयतीर्थ

अब टिकट वितरण के बाद से ही जयतीर्थ दहिया भूपेंद्र हुड्डा से नाराज चल रहे थे। उन्होंने आरोप लगया कि उनके सामने हुड्डा ने उन्हें ही टिकट दिए जाने का भरोसा दिया था, लेकिन बाद में टिकट वितरण में सौदेबाजी कर विश्वासघात किया गया। उन्होंने अपने समर्थकों को संदेश दिया है कि वह कांग्रेस को वोट न दें। इसके अलावा उन्होंने सोनीपत से कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर भी कई सवाल उठाए।

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राई के मतदाता खामोश, सत्ता के साथ जाना पसंद

पहली बार 14 उम्मीदवार मैदान में, हर बार बनता है रोमांचक मुकाबला जीटी रोड बेल्ट की पहली सीट राई विधानसभा क्षेत्र के मतदाता इस बार खामोश है। मतदान को कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन अभी तक न चुनावी शोर ने जोर नहीं पकड़ा है।

पहली बार मैदान में हैं 14 प्रत्याशी 

जब अब तक के इतिहास में राई सीट पर पहली बार 14 प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। यहां लगभग हर चुनाव में जीत हार का कम अंतर होता है और मतदाताओं की खामोशी इस बार भी रोमांचक मुकाबले की तरफ इशारा कर रही है। मतदाताओं की चुप्पी से सभी दलों के प्रत्याशी चिंतित हैं।

ऐसे में भाजपा ने 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का शेड्यूल घोषित कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की रैली होने की भी संभावना बढ़ गई है। हालांकि यहां के मतदाताओं के बारे में कहा जाता है कि जिस पार्टी की सरकार बनती है, विधायक उसी पार्टी का बनता है।

इसलिए खास है राई

पाकिस्तान बॉर्डर, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की तरफ आने जाने के राई को दिल्ली का प्रवेश और निकास द्वार माना जाता है। अंग्रेजी सल्तनत से लेकर वर्तमान तक देश की राजधानी की रक्षा करने के लिए यहां के लोगों ने बड़ी कुर्बानियां दी है।

किसान आंदोलन के दौरान सरकार यहीं पर किसानों का दिल्ली में प्रवेश रोकने में कामयाब हुई थी। सिंघू बॉर्डर दिल्ली के सबसे बड़े एंट्री प्वाइंट में शामिल है और उत्तर हरियाणा के पांच राज्यों की राजधानी से कनेक्टिविटी है।

  • कुल वोट-198792
  • पुरुष-106936
  • महिलाएं-91848
  • ट्रांसजेंडर-08
राई क्षेत्र के कद्दावर ने चौधरी रिजक राम संयुक्त पंजाब के दौर से विधायक बनते रहे हैं। हरियाणा अलग होने के बाद भी पांच बार विधायक बने। 2009 और 2014 में उनके बेटे जयतीर्थ भी विधायक रहे। उनके अलावा बाप बेटे दोनों को जीत का मौका नहीं मिला। हालांकि कई बड़े नेताओं के बेटे सक्रिय राजनीति में हैं।

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