kharkhoda News: भूमि अधिग्रहण को लेकर थाना कलां के लोगों ने सौंपा ज्ञापन, मुआवजा राशि को बढ़ाने की मांग
खरखौदा क्षेत्र से होकर गुजरने वाले आर्बिटल रेल कारिडोर को लेकर किए गए भूमि अधिग्रहण का अवार्ड सुनाए जाने की प्रक्रिया को इन दिनों जिला राजस्व विभाग अंजाम दे रहा है। इसके तहत क्षेत्र के कई गांवों के भू-मालिकों को अवार्ड सुनाया जा चुका है जबकि कई का बाकी है।
खरखौदा, संवाद सहयोगी। खरखौदा क्षेत्र से होकर गुजरने वाले आर्बिटल रेल कारिडोर को लेकर किए गए भूमि अधिग्रहण का अवार्ड सुनाए जाने की प्रक्रिया को इन दिनों जिला राजस्व विभाग अंजाम दे रहा है। इसके तहत क्षेत्र के कई गांवों के भू-मालिकों को अवार्ड सुनाया जा चुका है, जबकि कई का बाकी है। इस बीच गुरूवार को थाना कलां और मंडोरा गांव वासियों को अवार्ड सुनाया गया। इसमें थाना कलां के लोगों ने गांव सरपंच आशीष दहिया की अगुआई में मांगपत्र जिला राजस्व विभाग को सौंपा।
उसमें मुआवजा राशि एनएचएआइ से तय मानकों अनुसार दिए जाने की मांग उठाई। गांव सरपंच आशीष दहिया की अगुवाई में उपमंडल कार्यालय पहुंचे भू-मालिकों का कहना है कि उन्हें हाल समय में 78 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जा रहा है। इस पर उन्हें एतराज है। मौजूदा स्थिति को देखा जाए तो यह क्षेत्र दिल्ली से सटा होने के साथ ही यहां से केएमपी एक्सप्रेस-वे होकर गुजरता है।
खुद मुख्यमंत्री उनके क्षेत्र में पंचग्राम योजना के तहत एक आधुनिक गांव बसाने की बात कह चुके हैं। इसे ध्यान में रखें तो साफ है कि उनकी जमीन करोड़ों रुपये की होनी चाहिए, जबकि उन्हें मात्र 78 लाख रुपये प्रति एकड़ दिया जा रहा है।
मात्र 78 लाख रुपये का मुआवजे
भू-मालिकों का कहना है कि जो मुआवजा उन्हें दिया जा रहा है, उस पैसे से वह साथ लगती जमीन तो छोड़ो आसपास के क्षेत्र में भी कहीं पर जमीन नहीं खरीद सकतें, क्योंकि मौजूदा हाल में ही जमीन के रेट आसमान छू रहे हैं। उन्हें मात्र 78 लाख रुपये मुआवजे के रूप में दिया जा रहा है। ऐसे में सरकार और रेलवे से उनकी मांग है कि कम से कम उन्हें एनएचएआइ के मानदंडों पर उन्हें मुआवजा राशि दी जाए। साथ ही गांव सरपंच ने मांग की कि पंचायती जमीन का भी उन्हें मुआवजा दिया जाए।