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मौत का सिरप : पांच जगह है मेडेन फार्मा की दवा फैक्ट्री, सभी कंपनियों के उत्पादन पर है सरकार की नजर

पानीपत की यूनिट में भी ड्रग डिपार्टमेंट उत्पादन पर रोक लगाई थी लेकिन अब वहां उत्पादन शुरू हो गया है। केंद्रीय ड्रग डिपार्टमेंट ने कंपनी की सभी दवा फैक्ट्रियों के उत्पादन की निगरानी कर रही है। उनकी दवाओं के भी सैंपल लेकर जांच कराई जा रही है।

By Sanjay NidhiEdited By: Prateek KumarUpdated: Tue, 18 Oct 2022 08:44 PM (IST)
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आरोपित की पानीपत, बद्दी, सोनीपत, डेराबस्सी और ऊना में हैं दवा फैक्ट्रियां।

सोनीपत, जागरण संवाददाता। गांबिया में कफ सिरप की सप्लाई करने वाली कंपनी मेडेन फार्मा की सोनीपत के अलावा चार अन्य फैक्ट्रियां भी हैं। अलग-अलग शहरों में स्थापित इन फैक्ट्रियों में भी कफ सिरप सहित अन्य अन्य दवाओं का उत्पादन होता है। उनकी सप्लाई विदेश के साथ ही देश में भी है। सोनीपत की फैक्ट्री से उत्पादन फिलहाल बंद है। पानीपत की यूनिट में भी ड्रग डिपार्टमेंट उत्पादन पर रोक लगाई थी, लेकिन अब वहां उत्पादन शुरू हो गया है। केंद्रीय ड्रग डिपार्टमेंट ने कंपनी की सभी दवा फैक्ट्रियों के उत्पादन की निगरानी कर रही है। उनकी दवाओं के भी सैंपल लेकर जांच कराई जा रही है। कंपनी से सभी फैक्ट्रियों के उत्पादन और कच्चे माल की खरीद का रिकार्ड मांगा गया है।

क्यों सरकार हुई है सख्त

गांबिया में कफ सिरप से 70 बच्चों की मौत के बाद केंद्र व राज्य सरकार के तेवर बेहद कड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारी इस मामले की गहनता से जांच करा रहे हैं। एक ओर जहां अधोमानक दवा को विदेश से मंगवाकर जांच कराई जा रही है। ड्रग डिपार्टमेंट के उच्चपदस्त सूत्रों के अनुसार मेडेन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी की कुल पांच दवा फैक्ट्रियां हैं। इनमें से सोनीपत के अलावा पानीपत, हिमाचल प्रदेश के बद्दी व ऊना और पंजाब के डेराबस्सी में दवा फैक्ट्रियां हैं।

सभी फैक्ट्रियों के उत्पादन पर रखी जा रही नजर 

कंपनी का मुख्य कार्यालय दिल्ली में स्थित है। अफसरों को आशंका है कि कंपनी की दूसरी फैक्ट्रियों में भी अधोमानक के निष्क्रिय घटक प्रयाेग हो सकता है। इसलिए कंपनी की सभी फैक्ट्रियों के उत्पादन पर नजर रखी जा रही है। वहां पर बनने वाली दवाओं की निगरानी की जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार वहां पर तैयार होने वाली दवाओं के सैंपल लिए जा रहे हैं। अधिकारी किसी स्तर पर लापरवाही को तैयार नहीं है, जिससे वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब नहीं होने पाए।

कंपनी ने रखा अपना पक्ष

हमारे स्तर पर दवा निर्माण में स्थापित मानकों का पालन किया जा रहा है। कोई ऐसा अवयव प्रयुक्त नहीं किया गया है, जो मानव जीवन के लिए हानिकारक हो। दवाओं के रख-रखाव के कारण या प्रयुक्त खुराक के चलते भी गड़बड़ी संभव है। दवाओं की जांच रिपोर्ट आने पर हमारी स्थिति साफ हो जाएगी।

नरेश गोयल, एमडी, मेडेन फार्मा।

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