Farmers Protest: ग्राहक घटने से मुरथल के ढाबों तक नहीं पहुंच पा रहे स्वाद के कद्रदान; रोजाना 60 लाख का नुकसान
किसान आंदोलन का असर मुरथल के ढाबों पर पड़ रहा है। इन ढाबों पर रोजाना 50 हजार से अधिक लोग रोजाना खाना खाने के लिए पहुंचते हैं लेकिन अब इन ढाबों पर सिर्फ 40 प्रतिशत ही काम बचा है। रोजाना एक करोड़ रुपये का कारोबार इन ढाबों पर होता है जिसमें से अब ढाबा संचालकों को रोजाना 60 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पिछले एक सप्ताह से रास्ते बंद
रोजाना 10 हजार से अधिक लोग खाते हैं खाना
मुरथल के ढाबे अपने स्वाद के लिए कई राज्यों में जाने जाते हैं। दिल्ली, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, बागपत, शामली समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर से आने-जाने वाले लोग मुरथल में ही ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर करते हैं।नुकसान से ढाबा कारोबारी चिंतित
किसानों के प्रदर्शन के चलते हाईवे व अन्य रास्ते बंद होने के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।कारोबार चौपट होता जा रहा है। कई बड़े ढाबों पर 40 प्रतिशत तक ही ग्राहक आ रहे हैं लेकिन छोटे ढाबों पर 20-25 प्रतिशत ही काम बचा है। अगर यह लंबा चला तो वे बर्बाद हो जाएंगे।
- मनजीत सिंह, प्रधान, ढाबा एसोसिएशन, मुरथल
वीकेंड के अलावा अन्य दिनों में ग्राहक आने में भारी गिरावट हुई है लेकिन खर्च ज्यों के त्यों बने हुए हैं। मुनाफे की तो बात ही न करें, लागत तक नहीं निकल रही। इससे कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हम सभी यही दुआ कर रहे हैं जल्द ही रास्ते खुल जाएं ताकि नुकसान से बच सकें।
- अमरीक सिंह, संचालक, अमरीक-सुखदेव ढाबा, मुरथल
जहां लोगों की लाइन लगी रहती थी, अब वहां पर पार्किंग खाली पड़ी हैैं। वीकेंड पर भी काम खत्म हो गया है। हमारे यहां पर 75 प्रतिशत तक नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों की मांगें पूरी हो न हों लेकिन कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं लोगों को लजीज खाना नसीब नहीं हो रहा है।
- देवेंद्र कादियान, संचालक, मन्नत ग्रुप आफ होटल्स