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Farmers Protest: ग्राहक घटने से मुरथल के ढाबों तक नहीं पहुंच पा रहे स्वाद के कद्रदान; रोजाना 60 लाख का नुकसान

किसान आंदोलन का असर मुरथल के ढाबों पर पड़ रहा है। इन ढाबों पर रोजाना 50 हजार से अधिक लोग रोजाना खाना खाने के लिए पहुंचते हैं लेकिन अब इन ढाबों पर सिर्फ 40 प्रतिशत ही काम बचा है। रोजाना एक करोड़ रुपये का कारोबार इन ढाबों पर होता है जिसमें से अब ढाबा संचालकों को रोजाना 60 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

By Nand kishor Bhardwaj Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 18 Feb 2024 08:54 AM (IST)
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Farmers Protest: ग्राहक घटने से मुरथल के ढाबों तक नहीं पहुंच पा रहे स्वाद के कद्रदान
जागरण संवाददाता, सोनीपत। किसानों के दिल्ली कूच के मद्देनजर अंबाला के शंभू व सोनीपत के कुंडली बॉर्डर समेत अन्य रास्ते बंद होने के कारण ग्राहक नहीं आने से मुरथल के ढाबे सूने हो गए हैं। जिले में हल्दाना बॉर्डर से शुरू होकर कुंडली बॉर्डर तक एनएच-44 के दोनों साइड में 200 छोटे-बड़े ढाबे व होटल स्थित हैं।

पिछले एक सप्ताह से रास्ते बंद

इन ढाबों पर रोजाना 50 हजार से अधिक लोग रोजाना खाना खाने के लिए पहुंचते हैं लेकिन अब इन ढाबों पर सिर्फ 40 प्रतिशत ही काम बचा है। रोजाना एक करोड़ रुपये का कारोबार इन ढाबों पर होता है जिसमें से अब ढाबा संचालकों को रोजाना 60 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से रास्ते बंद होने से हाईवे पर 15 प्रतिशत ही वाहन चल रहे हैं।

रोजाना 10 हजार से अधिक लोग खाते हैं खाना

मुरथल के ढाबे अपने स्वाद के लिए कई राज्यों में जाने जाते हैं। दिल्ली, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, बागपत, शामली समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों, पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर से आने-जाने वाले लोग मुरथल में ही ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर करते हैं।

यहां के कई विश्व प्रसिद्ध ढाबों पर दिन-रात ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ती थी। मुरथल में कई ढाबे ऐसे हैं जिन पर रोजाना 10 हजार से अधिक लोग खाना खाते हैं।

शनिवार और रविवार को इन ढाबों पर लोगों को खाना खाने के लिए एक-एक घंटा इंतजार करना पड़ता है। वीकेंड पर तो पार्किंग फु़ल होने से लोगों को वापस भेजना पड़ता है। कई बड़े ढाबा संचालकों ने तो वीकेंड के लिए अतिरिक्त पार्किंग की व्यवस्था की है।

नुकसान से ढाबा कारोबारी चिंतित

अब 12 फरवरी से अंबाला के शंभू बॉर्डर पर रास्ता बंद होने से जीटी रोड पर वाहन नहीं आ पा रहे हैं। इससे पंजाब, जम्मू-कश्मीर से वाहने वाले लोग घट गए हैं। वहीं कुंडली बॉर्डर सील होने से दिल्ली-एनसीआर के लोग खाना खाने के लिए नहीं आ पा रहे हैं।

इससे नुकसान से ढाबा कारोबारी चिंतित हैं कि अगर यह कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा तो वे कर्मचारियों व स्टाफ की सेलरी भी देने की पोजिशन में नहीं होंगे। इसके साथ किरयाना स्टोर में ग्राहक और सेक्टरों में स्थित क्लीनिकों में मरीज भी नहीं पहुंच रहे हैं।इससे उन्हें भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

किसानों के प्रदर्शन के चलते हाईवे व अन्य रास्ते बंद होने के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।कारोबार चौपट होता जा रहा है। कई बड़े ढाबों पर 40 प्रतिशत तक ही ग्राहक आ रहे हैं लेकिन छोटे ढाबों पर 20-25 प्रतिशत ही काम बचा है। अगर यह लंबा चला तो वे बर्बाद हो जाएंगे।

- मनजीत सिंह, प्रधान, ढाबा एसोसिएशन, मुरथल

वीकेंड के अलावा अन्य दिनों में ग्राहक आने में भारी गिरावट हुई है लेकिन खर्च ज्यों के त्यों बने हुए हैं। मुनाफे की तो बात ही न करें, लागत तक नहीं निकल रही। इससे कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हम सभी यही दुआ कर रहे हैं जल्द ही रास्ते खुल जाएं ताकि नुकसान से बच सकें।

- अमरीक सिंह, संचालक, अमरीक-सुखदेव ढाबा, मुरथल

जहां लोगों की लाइन लगी रहती थी, अब वहां पर पार्किंग खाली पड़ी हैैं। वीकेंड पर भी काम खत्म हो गया है। हमारे यहां पर 75 प्रतिशत तक नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों की मांगें पूरी हो न हों लेकिन कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं लोगों को लजीज खाना नसीब नहीं हो रहा है।

- देवेंद्र कादियान, संचालक, मन्नत ग्रुप आफ होटल्स

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