'ऐसी ही लड़ाई चलती रही तो ओलिंपिक में नहीं आएगा देश को मेडल', WFI को निलंबित किए जाने पर बोले ओलिंपियन योगेश्वर दत्त
ओलिंपियन योगेश्वर दत्त ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि एक साल से जूनियर नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन नहीं हो सका है। अगर चैंपियनशिप समय पर कराई जाती तो काफी पहलवान मेडल जीतते उन्हें सर्टिफिकेट मिलता और वहीं सर्टिफिकेशन आगे चलकर उनकी नौकरी में काम आता। कुश्ती संघ के निलंबन पर उन्होंने कहा कि इसमें जूनियर व सीनियर पहलवानों का भारी नुकसान हो रहा है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत। भारतीय कुश्ती संघ की नवनिवार्चित कार्यकारिणी को रविवार को खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित किए जाने के बाद मामला तूल पकड़ गया। ओलिंपियन पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह और पहलवानों की लड़ाई में सबसे बड़ा नुकसान जूनियर पहलवानों का हो रहा है। जूनियर पहलवान इन सबके बीच पिस रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर यह लड़ाई खत्म नहीं होती है तो पेरिस ओलिंपिक में देश के प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ेगा और कोई पहलवान मेडल नहीं जीत सकेगा। योगेश्वर दत्त ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि एक साल से जूनियर नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन नहीं हो सका है। अगर चैंपियनशिप समय पर कराई जाती तो काफी पहलवान मेडल जीतते, उन्हें सर्टिफिकेट मिलता और वहीं सर्टिफिकेशन आगे चलकर उनकी नौकरी में काम आता।
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उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित अंडर-15 व अंडर-20 आयुवर्ग के पहलवान प्रभावित हो रहे हैं। योगेश्वर दत्त ने खेल मंत्रालय के फैसले पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह देखना सरकार का काम है कि देश में कुश्ती का माहौल खराब न हो और जो माहौल इस समय चल रहा है उसमें सुधार की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिएं।
कुश्ती बचेगी तो पहलवानों को भला होगा: ओपी दहिया
द्रोणाचार्य अवार्डी कुश्ती कोच ओमप्रकाश दहिया ने बताया कि हमें भारतीय कुश्ती संघ के इलेक्शन और सिलेक्शन से कोई लेना-देना नहीं है। सरकार की प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि गर्त में जा रही कुश्ती को बचाया जाए तभी देश के पहलवानों का भला हो सकेगा। सभी पहलवान चाहते हैं समय पर बड़ी प्रतियोगिता हों और उनका उन्हें फायदा मिले।कुश्ती-पहलवानों के कल्याण की बात हो: कुलदीप मलिक
10 साल तक भारतीय महिला कुश्ती टीम के मुख्य प्रशिक्षक रहे कुलदीप मलिक ने कहा कि इस विवाद का जल्द से जल्द निपटारा होना चाहिए, क्योंकि इस समय देश में कुश्ती के प्रति जो माहौल है उसमें जल्द ही सुधार होना चाहिए। हर कोई अलग-अलग तरह की बातें कर रहा है लेकिन इस माहौल में कुश्ती और पहलवानों के कल्याण की बात होनी चाहिए।
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