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Lok Sabha Election 2024: गृह जिले में हारे थे करनाल से जीतने वाले पंडित जी, सोनीपत की जनता ने बदला चुनावी रुख

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की चुनावी तारीखों का एलान होते ही सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। लेकिन जनता के मूड को आंकना आसान नहीं होता है। ऐसा ही सोनीपत की लोकसभा सीट पर भी देखने को मिला था। जब करनाल सीट से जीतने वाले पंडितजी चिरंजीलाल शर्मा अपने गृह जनपद से ही हार गए थे।

By Deepak Saxena Edited By: Deepak Saxena Updated: Mon, 01 Apr 2024 06:24 PM (IST)
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गृह जिले में हारे थे करनाल से जीतने वाले पंडित जी।
यजुवेंद्र सिंह, सोनीपत। लोकसभा क्षेत्र सोनीपत के मतदाताओं का मिजाज कुछ अलग ही रहा है, जहां मतदाताओं ने नए चेहरे को संसद तक पहुंचाया है तो चौधरी देवीलाल, भूपेंद्र हुड्डा जैसे दिग्गजों को चुनावी अखाड़े में धूल भी चटाई है। इनके अलावा करनाल से लगातार चार बार सांसद रहे पंडित चिरंजीलाल भी सोनीपत से हार गए थे।

करनाल लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी आईडी स्वामी से हारने के बाद चिरंजीलाल ने साल 1999 में लोकसभा चुनाव में गृह जिले सोनीपत में किस्मत आजमाई क्योंकि 1996 के चुनाव अरविंद शर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी। इसलिए कांग्रेस ने भी गैर जाट चेहरे के तौर पर चिरंजीलाल शर्मा को सोनीपत से चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन पंडितजी को अपने ही जिले में हार का सामना करना पड़ा था।

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पंडितजी का गढ़ बन गई थी करनाल लोकसभा सीट

चिरंजीलाल शर्मा का जन्म सोनीपत जिले के आहुलाना गांव में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1980 में कांग्रेस के टिकट पर करनाल से चुनाव लड़ा और जनता दल की प्रत्याशी सुषमा स्वराज को हराकर पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद करनाल लोकसभा क्षेत्र पंडित का गढ़ बन गया था। चिरंजीलाल ने करनाल लोकसभा क्षेत्र से 1984 में इंडियन कांग्रेस (जे) के प्रत्याशी देवी सिंह को, 1989 में भाजपा की प्रत्याशी सुषमा स्वराज और 1991 में जनता दल के सीपी सिंह को हराकर संसद पहुंचे।

1996 में कांग्रेस प्रत्याशी चिरंजीलाल को भाजपा के प्रत्याशी आइडी स्वामी से हार का सामना करना पड़ा था। बाद में उनके बेटे कुलदीप शर्मा बेटे ने पिता की विरासत संभाली।

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1999 के बाद से नहीं लड़ा चुनाव

साल 1999 में कांग्रेस ने चिरंजीलाल को सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा था। यह चुनाव भाजपा और इनेलो ने मिलकर लड़ा था। भाजपा ने लोकदल के सांसद किशन सिंह सांगवान को पार्टी में शामिल कर व मैदान में उतारा था। सांगवान ने 256138 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इसके बाद चिरंजीलाल शर्मा ने चुनाव नहीं पड़ा।

  • 1980 से 1996 तक करनाल से सांसद रहे थे कांग्रेस के चिरंजीलाल शर्मा
  • 1999 में भाजपा के किशन सिंह सांगवान ने उन्हें हराया था
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