तो अब सोनीपत में नहीं जलेगी पराली! इस पर रोक के लिए कई स्तर पर कमेटियां गठित
Stubble Burning सर्दी का मौसम आते ही दिल्ली और दिल्ली एनसीआर के इलाकों में पराली की प्रदूषण की समस्या सामने आ जाती है। इसका मुख्य कारण हरियाणा और पंजाब में पराली जलाना है। अब इसको लेकर प्रशासन तैयारियों में जुट गए हैं। सोनीपत जिला प्रशासन ने भी पराली को जलाने से रोकने के लिए कमेटियां गठित की हैं। इन कमेटियों को शहर से लेकर ग्रामीण स्तर पर बनाया गया है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत। उपायुक्त डा. मनोज कुमार ने बताया कि खरीफ सीजन के दौरान धान के अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए जिला, तहसील, ब्लाक तथा ग्राम स्तर पर कमेटियां गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी कमेटियां जिला में नजर रखेंगी कि कहीं भी कोई किसान पराली न जलाएं क्योंकि पराली जलाने से वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ को भी किया गया शामिल
उपायुक्त ने बताया कि जिला स्तर पर गठित कमेटी में सीईओ जिला परिषद, डीआरओ, डीडीपीओ, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक तथा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को शामिल किया गया है। इसके साथ ही तहसील स्तर पर गठित कमेटी में संबंधित एसडीएम, संबंधित तहसीलदार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग एसडीएओ, एपीपीओ, एसीडीओ, एसएमएस, एएई तथा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ को शामिल किया गया है।
किसान अगर पराली जलाते दिखे तो होगी सख्त कार्रवाई
उन्होंने बताया कि ब्लॉक स्तर पर आयोजित कमेटी में संबंधित बीडीपीओ, संबंधित नायब तहसीलदार तथा ब्लाक एग्रीकल्चर आफिसर को शामिल किया गया है। इसके अलावा ग्राम स्तर पर आयोजित कमेटी में गांव का सरपंच, नंबरदार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से एडीओ, बीटीएम, एटीएम, सुपरवाईजर, राजस्व पटवारी तथा ग्राम सचिव को शामिल किया गया है। इन सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि अगर उनके क्षेत्र में कहीं भी कोई किसान पराली जलाता ( Stubble Burning) हुआ मिले तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।