Sonipat News: फ्लाईओवर के नीचे बनेगा अंडरपास, गीता भवन चौक भी होगा री-डिजाइन
पैदल यात्रियों को फ्लाईओवर पर चढ़ने और रेलवे लाइन पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज बनाया जाना था। 12 साल से इस एफओबी का काम अधूरा पड़ा है। हिन्दू कॉलेज साइड निर्माण तो कर दिया लेकिन एफओबी तक पैदल यात्रियों की पहुंच नहीं है और यहां तीन से चार फीट ऊंची दीवार है। जबकि सारंग रोड की तरफ तो निर्माण ही पूरा नहीं किया गया।
निरंजन कुमार, सोनीपत। शहर में जाम की समस्या को कम करने के लिए गोहाना रोड फ्लाईओवर के नीचे अंडर पास भी बनाया जाएगा। सोनीपत महानगर विकास प्राधिकरण की पहली बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा इस प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को मंजूर किए जाने के बाद अधिकारियों द्वारा इसकी प्लानिंग बनाई जा रही है।
जाम से भी मिलेगी मुक्ति
पहले फिजिबिलिटी सर्वे करवाया जाएगा, इसके बाद डीपीआर तैयार कर प्रदेश सरकार और रेलवे से मंजूरी ली जाएगी। यहां अंडरपास बनने से लाइनपार क्षेत्र में रहने वाली शहर की एक चौथाई आबादी को रेलवे लाइन पार करने का नया रास्ता मिलेगा। साथ ही हजारों वाहन चालकों को गोहाना रोड फ्लाईओवर, गीताभवन चौक, ककरोई चौक और मिशन चौक पर लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी।
ओल्ड रोहतक रोड से गीताभवन चौक की तरफ आने वाले वाहनों को भी गोहाना रोड से घूमकर नहीं आना पड़ेगा। साढ़े नौ साल पहले गोहाना रोड फ्लाईओवर का उद्घाटन किया गया था। प्रयोग में आने के बाद इसके डिजाइन में काफी खामियां सामने आई थी और स्थानीय लोगों को इसका ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया था।
लंबे समय से यहां अंडरपास की मांग उठाई जा रही थी। जिसे सोनीपत महानगर विकास प्राधिकरण (एसएमडीए) बनने के बाद मंजूरी मिली है। इसके साथ ही गीताभवन चौक के डिजाइन में भी सुधार किए जाने का प्रस्ताव है।
ये होगा फायदा
- फ्लाईओवर के साथ लगते चौक चौराहों पर जाम कम होगा
- लाइनपार क्षेत्र की मुख्य शहर से कनेक्टिविटी मजबूत होगी
- पैदल और साइकिल सवारों को तीन किमी घूमकर नहीं आना पड़ेगा
- रेलवे ट्रैक पार करने में 10 से 15 मिनट की बचत होगी
फ्लाईओवर के डिजाइन में खामियां
- ओल्ड रोहतक रोड से गीता भवन आने का रास्ता नहीं
- गोहाना रोड से होकर आना पड़ता है
- गोहाना रोड से ओल्ड रोहतक रोड नहीं मुड़ सकते
- नीचे के संकरे रास्ते का प्रयोग करना पड़ता है
- फ्लाईओवर के दोनों तरफ संकरा रास्ता है
अभी हैं ये दिक्कतें
- वाई शेप में बने फ्लाईओवर पर वाहन चालक असमंजस में रहते हैं
- फ्लाईओवर के तीनों सिरों पर रहती है वाहनों की लाइन
- ककरोई चौक, गीताभवन चौक और मिशन चौक पर भी जाम
- फ्लाईओवर के नीचे से निकलने में भी होती है मुश्किल
- लोगों को दीवार फांदकर रेलवे ट्रैक पार करनी पड़ती है
- इससे हादसे होने का खतरा रहता है
- रेलवे ट्रैक पार करते समय कई लोगों की जान जा चुकी है
नंबर गेम
- 15 फरवरी 2015 को हुआ था गोहाना रोड फ्लाईओवर का उद्घाटन
- 29 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ था आरओबी
- 12 साल से अधूरा पड़ा है फ्लाईओवर का फुटओवर ब्रिज
- 25 से ज्यादा कालोनियों के लोगों को मिलेगी राहत
- 04 अंडर पास और 03 फ्लाईओवर हैं शहर में
- 15 से 20 हजार वाहन रोजाना फ्लाईओवर का प्रयोग करते हैं
फ्लाईओवर के पास एफओबी का काम सालों से अधर में है। रोजाना 10 हजार से ज्यादा लोगों को 300 मीटर पार करने के लिए तीन किमी का चक्कर लगाना पड़ रहा है। रेलवे अधिकारियों से लेकर उपायुक्त व मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। ग्रीवेंस कमेटी और समाधान शिविर में भी शिकायत की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जनहित में रेलवे अंडर ब्रिज बनाने से पहले एफओबी का निर्माण पूरा करवाया जाए, ताकि पैदल यात्रियों को राहत मिले। करनाल की तरह साइकिल और दोपहिया के लिए भी ट्रैक बनाया जाए।
-युद्धविंद्र सिंह महला, सामाजिक कार्यकर्ता
मौजूदा फ्लाईओवर पर भीड़ कम करने के लिए आरयूबी का निर्माण और बेहतर आवाजाही प्रबंधन के लिए शहर के प्रमुख गीताभवन जंक्शन में सुधार की प्लानिंग है। चंडीगढ़ में हुई एसएमडीए की बैठक में मुख्यमंत्री ने इन प्रोजक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हमारा लक्ष्य सभी बड़े प्रोजेक्ट पर जल्द से जल्द काम शुरू करवाना है। सोनीपत महानगर क्षेत्र के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के लिए इन परियोजनाओं को पूरी सटीकता के साथ क्रियान्वित किया जाएगा।
-विश्राम सिंह मीणा, निगमायुक्त