Haryana: वकील और ऑटो चालक चला रहे थे गैंग, नौकरी के झांसे में 37 बेरोजगारों को बनाया निशाना; 3 गिरफ्तार
रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगने वाले गैंग के तीन सदस्यों को जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) ने गिरफ्तार किया है। आरोपित रुपया वसूलकर फर्जी नियुक्ति और पहचान पत्र थमा देते थे। आरोपितों में दो दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में अधिवक्ता हैं।
By Dharampal AryaEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 11 Dec 2022 05:39 PM (IST)
सोनीपत, जागरण संवाददाता। रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगने वाले गैंग के तीन सदस्यों को जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) ने गिरफ्तार किया है। आरोपित रुपया वसूलकर फर्जी नियुक्ति और पहचान पत्र थमा देते थे। आरोपितों में दो दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में अधिवक्ता हैं। उनके गैंग में आटो चालक भी शामिल हैं। वह बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर गैंग के पास ग्राहक लाते थे। आटो चालकों को एक ग्राहक लाने का पांच हजार रुपया दिया जाता था।
बेरोजगारों को रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी करने वाला क्षेत्र में सक्रिय है। जीआरपी को ठगी करने की शिकायत लगातार मिल रही थीं। उनसे 50 हजार से दो लाख रुपये तक की वसूली की जाती थी और फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र थमा दिया जाता था।
पानीपत के युवक ने दर्ज कराया मुकदमा
सात दिसंबर को पानीपत के न्यू आरके पूरम जाटल रोड के रहने वाले मनजीत सिंह ने अज्ञात युवकों के खिलाफ ठगी करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोपितों ने मनजीत को भी फर्जी पहचान पत्र और नियुक्ति पत्र थमा दिया था। मनजीत को फर्जी कागजात उपलब्ध कराने के दौरान दो आरोपित सीसीटीवी की फुटेज में आ गए थे।ऑटो चालक बेरोजगार युवको को झांसे में लेता
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जीआरपी ने आरोपितों की तलाश शुरू की। पुलिस ने भदाना के रहने वाले लव कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ के आधार पर जीआरपी ने अशोक विहार के रहने वाले कृष्ण कुमार शर्मा और चोर त्याणा के रहने वाले शैलेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इनमें शैलेंद्र आटो चालक हैं। वह अपने साथी आटो चालकों की मदद से बेरोजगारों को अपने झांसे में लेकर गैंग के सदस्यों तक पहुंचाता था। वहीं लव कुमार और कृष्ण कुमार दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में अधिवक्ता हैं।पुलिस ने तीनों को न्यायालय में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया है।
ऐसे करते थे ठगी
अधिवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके गैंग में आटो चालक शामिल हैं। आटो चालक बेरोजगार युवकों को जाल में फंसा अधिवक्ता लव कुमार का नंबर उपलब्ध करा देते थे। इसके लिए आटो चालक को पांच हजार रुपया दिया जाता था। लव कुमार उनसे जरूरी कागजात लेकर कृष्ण कुमार से किसी होटल में मुलाकात कराता था।कृष्ण कुमार उनको बातों के जाल में उलझाकर रुपयों की वसूली करता था। उसके बाद पीड़ितों को फर्जी नियुक्ति व आइकार्ड उपलब्ध करा देते थे।ये भी पढ़ें- Sonipat News: किसान पंचायत में पंजाब से भारी संख्या में पहुंचे किसान, बनी जाम की स्थिति
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