Sonipat News: न बूथ...न कर्मचारी, अब जापान-सिंगापुर की तरह भारत में वसूला जाएगा टोल, जानिए कैसे कटेगा पैसा
अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 पर सोनीपत के झिंझौली में देश का पहला मानवरहित टोल प्लाजा बनाया जा रहा है। इसमें न तो टोल बूथ होगा न ही टोल कलेक्ट करने वाला कर्मचारी होगा। जापान और सिंगापुर की तरह आधुनिक तरीके से टोल संग्रह किया जाएगा। प्रत्येक लेन में हाई रेज्यूलेशन कैमरे और सैंसर होंगे जिनसे एक भी गाड़ी बिना टोल शुल्क के नहीं निकल सकेगी।
By Edited By: Shyamji TiwariUpdated: Fri, 27 Oct 2023 09:28 PM (IST)
निरंजन कुमार, सोनीपत। अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 पर सोनीपत के झिंझौली में देश का पहला मानवरहित टोल प्लाजा बनाया जा रहा है। इस रोड पर जापान और सिंगापुर की तरह आधुनिक तरीके से टोल संग्रह किया जाएगा। यहां टोल लेन तो बनाई गई है, लेकिन न तो टोल बूथ है और न ही शुल्क कलेक्शन के लिए कोई कर्मचारी तैनात किया जाएगा।
फास्टैग से वसूला जाएगा शुल्क
सामान्य टोल प्लाजा पर लगे बूम की जगह यहां अत्याधुनिक सेंसरयुक्त बूम बैरियर इंस्टाल किए गए हैं, जिसे एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा जाएगा। जैसे ही वाहन इन सेंसर की रेंज में पहुंचेगा तो फास्टैग से शुल्क कट जाएगा और वाहन के पहुंचने से पहले ही बूम बैरियर उठ जाएंगे। सभी एक्जिट और एंट्री प्वाइंट पर भी सेंसर लगेंगे।
नया सिस्टम पूरी तरह से मानवरहित होगा और प्रत्येक लेन में हाई रेज्यूलेशन कैमरे और सैंसर होंगे, जिनसे एक भी गाड़ी बिना टोल शुल्क के नहीं निकल सकेगी। शुल्क तय करने के लिए अधिकारियाें ने पत्र भेजा गया है। इस रोड पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली के पायलट प्रोजेक्ट की प्लानिंग पर भी काम किया जाएगा, जिसके बाद फास्टैग और बूम बैरियर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
यानि टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा। इस तकनीक के जरिए हाईवे पर चढ़ते ही प्रत्येक गाड़ी की एक यूनिक आईडी जनरेट होगी। जैसे ही यह गाड़ी टोल प्लाजा के सेंसर की रेंज में आएगी तो टोल शुल्क का भुगतान बैंक खाते से हो जाएगा।
अभी टोल भुगतान धीमा
अभी हाईवे के टोल प्लाजा पर बूथ बने हुए हैं, जहां पर एक कर्मचारी की तैनाती की जाती है। नंबर प्लेट रीडर कैमरे और सेंसर लगे हुए हैं। कैमरे और सेंसर से फास्टैग से टोल शुल्क कटता है, जिसके बाद बूम बैरियर खुलते हैं। इस प्रक्रिया में टाइम लगता है। कई बार तो फास्टैग स्कैन नहीं होता और मैनुअल तरीके से इसे स्कैन करना पड़ता है। बिना फास्टैग लगे वाहन भी टोल चुकाए बिना भी निकल जाते हैं।दिक्कत हुई तो तुरंत होगा समाधान
एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि अत्याधुनिक टोल प्लाजा पर बने कंट्रोल रूम में इंजीनियर की ड्यूटी होगी। किसी तरह की तकनीकी खामी होती है तो उसे तुरंत ठीक किया जाएगा। यहां मैनुअल कुछ भी नहीं होगा। फिलहाल कुछ समय तक दोनों तरफ एक-एक लेन कैश की रखी गई है, लेकिन बाद में इसे भी बंद किया जाएगा।यह भी पढ़ें- India's Polluted City: देश का सबसे प्रदूषित शहर बना ये शहर, अभी बढ़ता जा रहा है प्रदूषण; 321 तक पहुंचा AQI
खास सुविधाएं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- अत्याधुनिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे
- स्पीड और इंसीडेन्ट डिटेक्शन कैमरा
- स्पीड चेतावनी संदेश साइन बोर्ड
- टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा
- बार बार फास्टैग रिचार्ज का झंझट नहीं
- 7715.60 करोड़ की लागत से 74.98 किमी लंबा हाईवे
- 27 फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं एनएच 48 से एनएच 44 तक
- 26 छोटे पुल तथा 17 सब-वे भी बनाए गए हैं
- सोनीपत स्ट्रेच सीमेंटेंड बनाया गया है
- चौराहों पर एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाए गए हैं
- ई-बस, ई-ट्राली और ई-कार के इस्तेमाल के हिसाब से तैयार
- 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगे वाहन
- 80 किमी होगी भारी वाहनाें की गति
- 694 करोड़ रुपये की बवाना से सोनीपत तक लागत
- 29.6 किमी लंबा रास्ता है बड़वासनी से बवाना तक
- सोनीपत से एयरपोर्ट की दूरी एक घंटे से भी कम होगी
- अभी दो घंटे तक का समय लगता है।
- बवाना तक की दूरी 20 मिनट की रह जाएगी
- देश के पहले एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेस वे से सीधी कनेक्टिविटी
- विकास व वाणिज्यिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा।
- दिल्ली के जाम में नहीं फंसना पड़ेगा
- वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी
यह भी पढ़ें- Sonipat Crime News: सोनीपत में कैब चालक की हत्या कर शव झाड़ियों में फेंका, सिर में मिले चोट के निशानयूईआर 2 के बड़वासनी स्पर का काम 95 फीसदी तक पूरा हो गया है। इस हिस्से को दिसंबर से खोलने की प्लानिंग है। सेंसरयुक्त अत्याधुनिक टोल प्लाजा बनाया जा रहा है। टोल शुल्क चुकाने में कोई समय नहीं लगेगा। आने वाले समय में बूम बैरियर और फास्टैग की भी जरूरत खत्म करने की प्लानिंग पर काम किया जा रहा है। -मिनी सिंह, मैनेजर, एनएचएआई