पहलवान सागर हत्याकांड: पिता बोले - ऐसी सजा मिले जो नजीर बने, गुरु-शिष्य की परंपरा को कलंकित किया
हत्या के करीब 20 दिन बाद सुशील की गिरफ्तारी से परिवार का खाकी पर विश्वास बढ़ा है। सागर के पिता का कहना है कि सुशील ने गुरु-शिष्य की परंपरा को कलंकित किया है। उससे सभी अवार्ड वापस लिए जाने चाहिए। साथ ही ऐसी सजा दी जाए जो नजीर बने।
सोनीपत [संजय निधि]। उभरते पहलवान सागर धनखड़ के हत्यारोपित ओलंपियन पहलवान सुशील कुमार की गिरफ्तारी से परिवार को इंसाफ की उम्मीद जगी है। हत्या के करीब 20 दिन बाद सुशील की गिरफ्तारी से परिवार का खाकी पर विश्वास बढ़ा है। सागर के पिता का कहना है कि सुशील ने गुरु-शिष्य की परंपरा को कलंकित किया है। उससे सभी अवार्ड वापस लिए जाने चाहिए। साथ ही ऐसी सजा दी जाए, जो नजीर बने। सागर के पिता ने समाचार एजेंसी एएनआइ के हवाले से कहा है कि सुशील के खिलाफ काफी सारे सुबूत हैं। हम सब की यही मांग है कि उसे सख्त से सख्त सजा मिले। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।लोगों का न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़े। चार मई की रात सागर पहलवान की हत्या छत्रसाल स्टेडियम में हुई थी।
पुलिस ने रखा था एक लाख का इनाम
हत्या का आरोप सुशील पहलवान व उसके साथियों पर लगा था। इसके बाद से सुशील कुमार अपने साथी अजय के साथ फरार चल रहा था। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार पर एक लाख व उसके साथी अजय पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस की कई जगह छापामारी के बावजूद सुशील कुमार गिरफ्त से बच रहा था। दिल्ली पुलिस में कार्यरत सागर के पिता अशोक और मामा आनंद ने वीरवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से मिलकर कार्रवाई तेज करने की मांग की थी।
न कोई दबाव, न ही पीछे हटेंगे
सागर के पिता ने कहा कि उनके बेटे की हत्या हुई है। किसी तरह के अनावश्यक दबाव डालने की बात कोई सोच भी नहीं सकता। कहीं से कोई दबाव नहीं है और न ही वह अब झुकेंगे। न्याय मिलने तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी। सागर के मामा आनंद का कहना है कि वो न्याय के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। पूरा समाज और परिवार न्याय के लिए एकजुट है। सबको पता चले कि किन गैंगस्टरों के संपर्क में था सुशील सागर के पिता अशोक ने मांग की है कि सुशील कुमार से कड़ाई से पूछताछ होनी चाहिए। सबके सामने आना चाहिए कि सुशील किन-किन गैंगस्टर्स के संपर्क में था।
पहलवानी के पीछे का काला सच
पहलवानी का चोला ओढ़कर वह किन काले कारनामों में संलिप्त था। पहलवानी को बदनाम करने वाले ऐसे शख्स को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उच्चस्तरीय जांच हो, सही हाथों में सौंपी जाए स्टेडियम की व्यवस्थापिता का कहना है कि सागर की हत्या ने छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानी करने वाले हजारों युवाओं को झटका दिया है। हर वो मां-बाप चिंतित है, जो अपने बच्चों को गुरुओं के सहारे स्टेडियम में छोड़कर आए थे। उनका विश्वास डगमगाया है। हम सरकार से मांग करते हैं कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो। कुछ लोगों ने स्टेडियम को गुंडे तैयार करने का अड्डा बना दिया। इसके साथ ही स्टेडियम की व्यवस्था सही हाथों में सौंपी जाए।