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अपनों की मदद के लिए आगे आया सिडनी में रह रहा बाल्याण परिवार, भेजे पांच लाख

13 वर्ष पहले बैंडी गांव से सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) जा बसे विजय बाल्याण व उनकी पत्नी रितु बाल्याण ऐसे अप्रवासी भारतीय हैं जो कोरोना वायरस की बीमारी के चलते लॉकडाउन के दौरान अपने गांव के गरीब व जरुरतमंद परिवारों की मदद के लिए आगे आए हैं।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 23 Apr 2020 06:27 AM (IST)
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अपनों की मदद के लिए आगे आया सिडनी में रह रहा बाल्याण परिवार, भेजे पांच लाख

संवाद सहयोगी, रादौर : विदेश में रहते हुए भी बाल्याण परिवार को अपनों की चिता है। 13 वर्ष पहले बैंडी गांव से सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) जा बसे विजय बाल्याण व उनकी पत्नी रितु ऐसे अप्रवासी भारतीय हैं जो कोरोना वायरस की बीमारी के चलते लॉकडाउन के दौरान अपने गांव के गरीब व जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने अपने गांव के जरूरतमंद लोगों के लिए पांच लाख रुपये की राशि भेजी है। गांव के जरूरतमंद लोगों ने गांव के बेटे विजय व उनकी पत्नी का हार्दिक आभार प्रकट किया है। अप्रवासी भारतीय विजय के बड़े भाई सरपंच अजय कुमार ने बताया कि उनके भाई ने अपने गांव के जरूरतमंद लोगों के लिए राशि भेजी है। जरूरमंदों की लिस्ट बनाई

गांव के 240 जरूरतमंद लोगों की सूची बनाई गई है जिन्हें दी गई राशि से राशन व आर्थिक सहायता दी जाएगी। उनके भाई ने संदेश भेजा है कि यदि महामारी के दौरान गांव के जरूरतमंद लोगों के लिए ओर राशि की जरूरत पड़ी तो वह और राशि विदेश से अपने गांव भेजने का काम करेंगे। इससे पहले गांव बैंडी के सरपंच अजय कुमार जेलदार अपने निजी खर्च से गांव के लोगों को 1100 मास्क वितरित कर चुके हैं। सरपंच भी कर चुके मदद

सरपंच अजय कुमार ने अपना छह महीने का मानदेय भी मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में देने की घोषणा की है। उनकी ओर से रादौर में रह रहे प्रवासी मजदूरों के लिए 50 किलो आटा,30 किलो चावल व 30 किलो आलू भी भेंट किए हैं। उधर जाटसभा रादौर की ओर से प्रधान एडवोकेट सुरेशपाल बंचल ने अप्रवासी भारतीय विजय बैंडी व उनकी पत्नी द्वारा महामारी के दौरान अपने गांव के गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए 5 लाख रुपये भेजने पर उनकी प्रशंसा की है।

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