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Yamunanagar: डी प्लान की ग्रांट के लिए जारी हुआ नौ करोड़ 58 लाख रुपये का बजट, जिले के विकास पर खर्च होगा पैसा

डी प्लान की ग्रांट पिछले साल से तीन करोड़ कम आई है। इस बार नौ करोड़ 58 लाख रुपये की ग्रांट से ही काम होंगे। यह पैसा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर खर्च होगा। पिछले साल 12 करोड़ रुपये का बजट मंजूर हुआ था। अधिकारी मात्र 60 प्रतिशत बजट की खर्च कर पाए थे। चार करोड़ 86 लाख का बजट वापस चला गया था।

By Popin kumarEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 22 Sep 2023 03:00 PM (IST)
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डी प्लान की ग्रांट के लिए जारी हुआ नौ करोड़ 58 लाख रुपये का बजट

यमुनानगर, जागरण संवाददाता।  डी प्लान की ग्रांट पिछले साल से तीन करोड़ कम आई है। इस बार नौ करोड़ 58 लाख रुपये की ग्रांट से ही काम होंगे। यह पैसा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर खर्च होगा। अभी तक ग्रांट को बांटा नहीं गया। यह सुस्ती गत वर्ष की तरह इस बार भी भारी पड़ सकती है। समय पर आवंटन व काम नहीं होने पर बजट वापस चला जाता है।

पिछले साल 12 करोड़ रुपये का बजट हुआ था मंजूर

पिछले साल 12 करोड़ रुपये का बजट मंजूर हुआ था। अधिकारी मात्र 60 प्रतिशत बजट की खर्च कर पाए थे। चार करोड़ 86 लाख का बजट वापस चला गया था। बजट के संबंध में 27 जुलाई को बैठक हो चुकी है। जिप के सदस्यों ने हर वॉर्ड में विकास कार्यों के लिए डी प्लान की ग्रांट से 20 लाख की मांग की है।

'कम से कम 20 लाख का मिले बजट'

वार्ड 15 से जिप सदस्य धर्मपाल तिगरा का कहना है कि वर्ष 2014 से पहले डी प्लान की ग्रांट से हर वार्ड में दस लाख विकास कार्यों के लिए मिलते थे। जिसको क्षेत्र के लोगों की मांग के आधार पर विकास कार्यों पर खर्च किया जाता था, लेकिन अब ग्रांट जारी करने में मनमानी हो रही है। इसी कारण से ग्रांट विकास कार्यों के बजाए वापस चली जाती है। उनके मुताबिक हाउस की बैठक में 20 लाख रुपये हर वार्ड में बजट जारी करने की मांग कर चुके हैं। लेकिन अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

'सत्ताापक्ष की मनमानी के चलते पूरे नहीं हो पा रहे विकास कार्य'

वार्ड सात से जिप सदस्य भानू बत्रा का कहना है कि डी प्लान से हर वार्ड में 20 लाख की ग्रांट हर साल मिलनी चाहिए, तभी क्षेत्र में बेहतर कार्य हो सकते हैं। अधिकारी व सत्ताापक्ष की मनमानी के चलते विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। पिछले साल डी प्लान का चार करोड़ से अधिक का बजट वापस चला गया। यह गंभीर विषय हैं। यदि सदस्यों को बजट जारी होता तो विकास कार्यों के लिए अधिक ग्रांट आती।

ये काम होने हैं बजट से 

पिछले वर्ष चार करोड़ 86 लाख रुपये के विकास कार्य लंबित रह गए थे। इस बजट में 148 कार्य होंगे। इस बार नौ करोड़ 58 लाख रुपये हैं। इस बजट में से सामान्य जाति के विकास कार्य पांच करोड़ 74 लाख 74 हजार व अनुसूचित जाति के विकास कार्यो के लिए तीन करोड़ 83 लाख 16 हजार रुपये खर्च होंगे।

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पिछले साल के बजट से ये काम होंगे

रूके विकास कार्यो में से चार करोड़ 72 लाख 36 हजार रुपये इस बार खर्च होने हैं। ग्रामीण क्षेत्र में दो करोड़ 73 लाख 85 हजार और शहरी क्षेत्र के लिए एक करोड़ 98 लाख 51 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। बजट ब्लॉक स्तर पर जनगणना के आधार पर वितरित होगा।

एडीसी आयषु सिन्हा ने क्या कहा? 

वहीं एडीसी आयषु सिन्हा का कहना है कि 27 जुलाई की बैठक में डी प्लान के बजट से होने वाले कार्यों को स्वीकृति मिल चुकी हैं। ब्लॉक स्तर पर आबादी व सामान्य व अनुसूचित जाति की श्रेणी के हिसाब से बजट का आवंटन किया गया है। जिप के लिए डी प्लान का बजट नहीं होता। जिप का खुद का बजट होता है। यदि फिर भी ग्रामीण क्षेत्र में विकास के लिए बजट की जरूरत है तो जिप सदस्य उनसे मिल सकते हैं।

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