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Yamunanagar News: भारत में बैठकर अमेरिकी नागरिक से 10 करोड़ की साइबर ठगी, बिटक्वाइन खाते से जालसाजी में एक गिरफ्तार

Cyber Fraud in Yamunanagar भारत में बैठकर एक गिरोह ने अमेरिकी नागरिक से साइबर ठगी कर ली है। बिटक्वाइन खाते के माध्यम से गिरोह ने दस करोड़ रुपये उड़ा दिए। कोर्ट के आदेश पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। साथ ही इस मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार भी किया है। वहीं एएसपी हिमाद्री कौशिक ने कहा कि ये एक बड़ा गिरोह है।

By Avneesh kumar Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 22 Oct 2023 03:49 PM (IST)
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भारत में बैठकर अमेरिकी नागरिक से 10 करोड़ की साइबर ठगी।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भारत से अमेरिका में साइबर ठगी के खेल का भंडाफोड़ हुआ है। पैक्सफुल अकाउंट के जरिए बिटक्वाइन के माध्यम से लगभग 10 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस केस की तफ्तीश करते हुए पंजाब के मोहाली के सैंडवुड्स ब्लाक निवासी विक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

फिलहाल आरोपित को पांच दिन के रिमांड पर लिया गया है। एएसपी हिमाद्री कौशिक ने बताया कि अभी इस केस की तफ्तीश चल रही है। यह बड़ा गिरोह है। अभी अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा निवासी मेरले लीज कोरेज्वा अमेरिकी सेना से सेवानिवृत्त है। सितंबर 2022 में उनके पास कॉल आया। जिससे बातचीत में उसे ऐसा लगा कि वह बैंक से बोल रहा है।

13 लाख डॉलर की धोखाधड़ी की गई

कॉल करने वाले ने कहा कि किसी ने पेपल साफ्टवेयर के माध्यम से उसके खाते का प्रयोग किया है और 499 डॉलर की धोखाधड़ी की है। उसने बातों में उलझाकर बैंक संबंधी डिटेल ली और उसके बिटक्वाइन खाते को हैक कर लिया। जिसके माध्यम से उससे लगभग 13 लाख डॉलर की धोखाधड़ी की। हालांकि इस बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका में केस दर्ज कराया। वहां से जांच में सामने आया कि भारत से यह धोखाधड़ी हुई है, क्योंकि जिन खातों में रकम गई थी, वह भारत के थे।

इसमें एक आरोपित विक्रमजीत का संबंध यमुनानगर से मिल रहा था। जिसके बाद मेरले लीज कोरेज्वा ने यहां अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में केस दायर किया। कोर्ट के आदेश पर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने केस दर्ज किया।

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बिटक्वाइन खातों से निकाली राशि

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि विक्रमजीत सिंह वर्ष 2020 से क्रिप्टोकरेंसी का काम कर रहा है। उसका पैक्सफुल ट्रेडिंग एप्लीकेशन पर अकाउंट बना हुआ है। वर्ष 2022 में उसकी दिल्ली के कुछ लोगों से पैक्सफुल पर चैट के दौरान बातचीत हुई। वह भी बिटक्वाइन में डील करते थे। विक्रमजीत ने उनके वाट्सएप नंबर पर ले लिए। वाट्सएप नंबर भी इंटरनेशनल थे।

सितंबर 2022 में उसे कहा गया कि उनके पास अमेरिका का बिटक्वाइन अकाउंट हैं। जिसमें वह धोखाधड़ी कर मोटी रकम ऐंठ सकते हैं। विक्रमजीत उनकी बातों में आकर तैयार हो गया और उन्हें अपना बिटक्वाइन अकाउंट दे दिया। जिसमें सितंबर से नवंबर माह तक कई लाख डॉलर बिटक्वाइन के रूप में आए। इन डॉलर को उसने पैक्सफुल एप के जरिए एक्सचेंज कराया। इसी तरह से उसके ही एक सहयोगी के अकाउंट में यह बिटक्वाइन आए। उसने भी डॉलर से रुपये में कन्वर्ट करा लिए।

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