महिलाओं के उत्थान को लेकर कार्य कर रही डॉ. ममता
राष्ट्रीय स्तर पर भारत विद्या शिरोमणि से अलंकृत जगाधरी की डॉ. ममता शर्मा महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रही हैं। शैक्षणिक क्षेत्र में बेहतरीन कार्यो के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पाने वाली महिलाओं में इनका भी नाम शामिल है। वे देवधर गुर्जर कन्या महाविद्यालय में प्रिसिपल हैं।
नितिन शर्मा, यमुनानगर
राष्ट्रीय स्तर पर भारत विद्या शिरोमणि से अलंकृत जगाधरी की डॉ. ममता शर्मा महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रही हैं। शैक्षणिक क्षेत्र में बेहतरीन कार्यो के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पाने वाली महिलाओं में इनका भी नाम शामिल है। वे देवधर गुर्जर कन्या महाविद्यालय में प्रिसिपल हैं। छात्राओं और अन्य महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करती हैं। रक्त की जांच कराती हैं, अगर किसी में कमी मिलती है, तो उनकी दवाई कराती हैं। जरूरतमंदों की मदद करना इनकी दिनचर्या में शामिल है। इनकी उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है।
डॉ. ममता बताती हैं कि महिला पूरे परिवार का ख्याल रखती है, लेकिन खुद का ही रख नहीं पाती। ऐसा वे इसलिए नहीं कह रही हैं कि वे खुद एक महिला हैं, बल्कि उन्होंने ऐसा देखा है। जब भी भी फील्ड में निकलती हैं तो अकसर देखती है कि महिलाएं सड़क किनारे पत्थर तोड़ रहीं हैं। सड़क बनवा रही हैं। उन्होंने रुक कर इनसे बात की तो पता चला कि कभी जरूरत ही नहीं पड़ी कि स्वास्थ्य जांच कराई जाए। इन महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगवाया। जांच में कई महिलाओं में रक्त की कमी पाई गई। इनकी दवा भी इन्होंने चिकित्सकों से कराई। परामर्श भी दिया कि जब वे खुद स्वस्थ होंगी तभी परिवार का ध्यान रख जाएगी। इसी तरह 250 लड़कियों के स्वास्थ्य की जांच भी कराई। आंख और दांतों के चेकअप कैंप भी लगाए। इसके लिए रोटरी क्लब का सहयोग भी लिया। इनके प्रयास से हजारों महिलाएं और लड़कियां लाभान्वित हो चुकी हैं। लड़कियों के साथ गांवों में जाती हैं। गांव में क्लास लगाकर लोगों को स्वच्छता का महत्व बताती हैं। इनकी ओर से बेगमपुर, रायपुर, डमोली और मेहर मजारा में स्वच्छता की पाठशाला लगाई जा चुकी है। नियमित रूप प्रार्थना सभा में इस पर लेक्चर देती हैं। छात्राओं को प्रेरित करती हैं कि वे अपने गली मोहल्ले में महिलाओं को सफाई के लिए जागरूक करें। इसकी शुरूआत अपने घर से करें।
बहुमुखी प्रतिभा की हैं धनी
डॉ. ममता बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। इन्होंने एमए, बीएड, नीट, पीएचडी और एमबीए किया है। इनके नौ लेख अंतरराष्ट्रीय जरनलों में प्रकाशित हो चुके हैं। 10 लेख राष्ट्रीय स्तर की बुक में प्रकाशित होने के लिए गए हैं। 16 वर्षों से अध्यापन कार्य में लगी हैं। वर्ष 2003 में महाराजा अग्रेसन कॉलेज में लोक प्रशासन विभाग में प्राध्यापिका पद पर गई। 2015 में इनका चयन बतौर प्रिसिपल हुआ। वर्तमान समय में प्रिसिपल पद पर सेवाएं दे रहीं हैं।
ये भी हैं उपलब्धियां
वर्ष 2017-18 में विशिष्ट गतिविधियों के लिए तत्कालीन राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने प्रदेश स्तरीय अवार्ड से सम्मानित किया। जिला स्तर पर प्रशासन की ओर से सम्मान मिला।